नई दिल्ली। भारत सरकार यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को लेकर गंभीर है और उन्हें निकालने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इस अभियान के तहत 470 भारतीय छात्रों का पहला जत्था यूक्रेन से बाहर निकलकर रोमानिया की सीमा में पहुंचा। कीव में भारत के दूतावास की तरफ से बताया गया है कि भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से सुरक्षित निकालने का प्रयास निरंतर जारी है। उन्होंने बताया कि रोमानिया, हंगरी और पोलैंड के भारतीय दूतावासों के संयुक्त प्रयासों से ये प्रक्रिया चल रही है। भारतीय छात्रों को पोलैंड में प्रवेश की अनुमति मिल सके, इसलिए पोलैंड-यूक्रेन सीमा पर भी तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
गौरतलब है कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोन पर बातचीत हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन की बातचीत के बाद भारत सरकार के स्टैंड को लेकर कांग्रेस से दो तरह के विचार सामने आए हैं। एक पक्ष कहता है कि सरकार को संतुलन बनाए रखना चाहिए तो दूसरा पक्ष कह रहा है कि रूस की कार्रवाई की निंदा होनी चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश राज्य मंत्री आनंद शर्मा ने सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को सही ठहराया है। वहीं कांग्रेस के ही दूसरे वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी कहते हैं कि सरकार को इस मामले में स्पष्ट रुख रखना चाहिए और रूस कहना चाहिए कि ये हमला गलत है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर का मत है कि भारत को रूस की कार्रवाई की निंदा करनी चाहिए।
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