एमएसपी से भी अधिक है लागत : आरटीआई में मिली जानकारी

Indian Farmer's Union

सूचना अधिकार के तहत लगाए आरोप | Indian Farmer’s Union

चंडीगढ़ (एजेंसी)। भारतीय किसान यूनियन (Indian Farmer’s Union)ने आज सूचना अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के आधार पर आरोप लगाया कि हरियाणा में किसानों को लागत से ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने के दावे गलत हैं और वास्तव में लागत एमएसपी से अधिक हे।

यूनियन के प्रवक्ता राकेश बैंस के अनुसार आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार साल 2018-19 में किसानों की गेंहू पर लागत 2074 आती है जिसकी एवज में किसानों को महज 1840 रुपए मिलेंगे यानी किसानों को लागत से 234 रुपए प्रति किवंटल का घाटा होगा। उन्होंने कहा कि आश्चर्य यह है कि 2016-17 के मुकाबले लागत घटी बताई गई है।

तब लागत 2219 रुपये थी। किसानों ने सरकार से सवाल किया कि तीन साल गेंहू की लागत कैसे कम हुई जबकि खाद, डीजल, श्रम की दरों में भारी वृद्दि हुई है तब 145 रुपए प्रति किवंटल की लागत कैसे कम हुई? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आंकड़ेबाजी से किसानों को गुमराह कर रही है।

बैंस के अनुसार सरकार ने एक किवंटल चना की लागत 2018-19 में 6333 रुपए मानी है और इसका एमएसपी 4620 रुपए है इससे भी किसानों को लागत से 1713 रुपए प्रति किवंटल का घाटा होगा। इसी प्रकार सरकार ने एक किवंटल जों की लागत 1926 प्रति किवंटल मानी है जबकि इसका एमएसपी 1440 रुपये है यानी किसान को 486 प्रति किवंटल का घाटा उठाना पड़ेगा।

सरकार ने एक किवंटल धान की लागत 2018-19 में 2637 रुपए मानी है और इसका एमएसपी 1770 रुपए है। सरसों की लागत 2018-19 में 4369 रुपए प्रति किवंटल मानी गई है और एमएसपी 4200 रुपए प्रति किवंटल है। बाजरा की लागत भी 2018-19 में 2118 रुपए और एमएसपी 1950 रुपये है। मक्की की लागत 2018-19 में 2454 रुपए और एमएसपी 1700 रुपए। कपास की लागत 6280 रुपए प्रति किवंटल है और एमएसपी 5450 रुपए प्रति किवंटल है।

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