भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छूएगा: प्रधानमंत्री मोदी

New Delhi
New Delhi भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छूएगा: प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि आने वाला समय अंतरिक्ष के क्षेत्र में बहुत सारी नई संभावनाएं लेकर आ रहा है और भारत इस क्षेत्र में नयी ऊंचाइयों को छूने वाला है। मोदी ने अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात में आज महान वैज्ञानिक डॉ० के. कस्तूरीरंगन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि दो दिन पहले हमने देश के महान वैज्ञानिक डॉ० के. कस्तूरीरंगन को खो दिया है। उन्होंने कहा, ” जब भी डॉ. कस्तूरीरंगनसे मुलाकात हुई, हम भारत के युवाओं के प्रतिभा, आधुनिक शिक्षा, अंतरिक्ष विज्ञान ऐसे विषयों पर काफी चर्चा करते थे। विज्ञान, शिक्षा और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नयी ऊंचाई देने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके नेतृत्व में इसरो को एक नयी पहचान मिली। उनके मार्गदर्शन में जो अंतरिक्ष कार्यक्रम आगे बढ़े, उससे भारत के प्रयासों को वैश्विक मान्यता मिली।” उन्होंने कहा कि आज भारत जिन सैटेलाइट का उपयोग करता है, उनमें से कई डॉ० कस्तूरीरंगन की देखरेख में ही लांच की गई थी। उनके व्यक्तित्व की एक और बात बहुत खास थी, जिससे युवा-पीढ़ी उनसे सीख सकती है। उन्होंने हमेशा नवाचार को महत्व दिया। डॉ० के. कस्तूरीरंगन ने देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार करने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। देश की नि:स्वार्थ सेवा और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसी महीने अप्रैल में आर्यभट्ट सैटेलाइट की लांचिंग के 50 वर्ष पूरे हुए हैं। उन्होंने कहा, “आज जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं, 50 वर्षों की इस यात्रा को याद करते हैं, तो लगता है हमने कितनी लंबी दूरी तय की है। अंतरिक्ष में भारत के सपनों की ये उड़ान एक समय केवल हौंसलों से शुरू हुई थी। राष्ट्र के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा पाले कुछ युवा वैज्ञानिक उनके पास न तो आज जैसे आधुनिक संसाधन थे, न ही दुनिया की तकनीक तक वैसी पहुँच थी। अगर कुछ था तो वो था, प्रतिभा, लगन, मेहनत और देश के लिए कुछ करने का जज्बा।” उन्होंने कहा कि आज भारत एक वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति बन चुका है। हमने एक साथ 104 सैटेलाइट लांच करके रिकॉर्ड बनाया है। हम चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुँचने वाले पहले देश बने हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम जब इसरो द्वारा किसी सैटेलाइट का लांच देखते हैं तो हम गर्व से भर जाते हैं। ऐसी ही अनुभूति मुझे तब हुई जब मैं 2014 में पीएसएलवी -सी -23 की लांचिंग का साक्षी बना था। 2019 में चंद्रयान -2 की लैंडिंग के दौरान भी, मैं बेंगलुरू के इसरो सेंटर में मौजूद था। उस समय चंद्रयान को वो अपेक्षित सफलता नहीं मिली थी, तब वैज्ञानिकों के लिए बहुत मुश्किल घड़ी थी। लेकिन मैं अपनी आंखों से वैज्ञानिकों के धैर्य और कुछ कर गुजरने का जज्बा भी देख रहा था। और कुछ साल बाद पूरी दुनिया ने भी देखा कैसे उन्हीं वैज्ञानिकों ने चंद्रयान -3 को सफल करके दिखाया।

उन्होंने कहा कि अब भारत ने अपने अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए भी खोल दिया है। आज बहुत से युवा अंतरिक्ष स्टार्टअप में नए झंडे लहरा रहे हैं। 10 साल पहले इस क्षेत्र में सिर्फ एक कंपनी थी, लेकिन आज देश में, सवा तीन सौ से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप काम कर रहे हैं। आने वाला समय अंतरिक्ष में बहुत सारी नई संभावनाएं लेकर आ रहा है। भारत नई ऊंचाइयों को छूने वाला है। देश गगनयान, और चंद्रयान -4 जैसे कई अहम् मिशन की तैयारियों में जुटा है। हम वीनस आॅर्बिटल मिशन और मार्स मिशन पर भी काम कर रहे हैं। हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिक अपने नवाचार से देशवासियों को नए गर्व से भरने वाले हैं।