कोरोना के खिलाफ भारत एकजुट

India united against Corona
देश में कोरोना के खिलाफ धार्मिक, सामाजिक और राजनैतिक तौर पर जनता की एकजुटता ने मिसाल कायम की है। आम लोगों ने जिम्मेदारी, जागरूकता व देश के प्रति समर्पण की भावना दिखाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लॉकडाऊन बढ़ाने के बावजूद लोग देश के लिए एकजुट हैं। सबसे बड़ी मिसाल तो धार्मिक संस्थाओं की है, डेरा सच्चा सौदा ने अपने मुख्य आश्रमों और देश-विदेश की शाखाओं में 14 मार्च से पहले ही सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए थे। इतना ही नहीं डेरा सच्चा सौदा की प्रशासनिक समिति ने अपने करोड़ों श्रद्धालुओं को सरकारी हिदायतें की पालना करने के साथ-साथ उत्तर भारत के राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन को हर प्रकार से मदद करने के लिए पत्र लिखकर भेजा। इसके अलावा करोड़ों श्रद्धालु प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर निरंतर जरूरतमन्दों के लिए राशन उपलब्ध करवाने व सैनीटाईजिंग करने में जुटे हुए हैं।
इसी तरह हिंदू धार्मिक स्थानों में भी हिदायतें की पालना की गई। मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने भी मस्जिदों में इक्ट्ठ करने पर पाबंदी लगाई और लोगों को रोजाना की नमाज भी घरों में करने की अपील की। सिख भाईचारे ने बैसाखी के अवसर पर इक्ट्ठ नहीं करके घरों से रहकर समूह सृष्टि की भलाई के लिए अरदास की। भले ही यह वक्त संकट वाला है लेकिन इसने एक देश, इंसानियत व भलाई की भावना का एहसास करवाया है। दूसरी तरफ हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान धार्मिक संस्थाओं की जिद्द के कारण मुश्किलों से गुजर रहा है। पाकिस्तान के 53 धार्मिक नेताओं ने सरकार को मस्जिदों में नमाज पढ़ने पर पाबंदी हटाने के लिए चेतावनी दी है। धार्मिक नेताओं की यह चेतावनी पाकिस्तान सरकार के लिए चुनौती बन गई है। पाकिस्तान के धार्मिक नेताओं को जिद्द करने की बजाय इस्लाम के घर सउदी अरब से प्रेरणा लेनी चाहिए जहां पवित्र मक्का-मदीना की मस्जिदों में भी इक्ट्ठ नहीं किया जा रहा। सऊदी अरब के इस्लामी मामलों के मंत्री का बयान महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ‘हम अल्लाह से दुआ करते हैं कि नमाज चाहे मस्जिद में हो या घरों में, खुदा कबूल करें… और पूरी दुनिया में तबाही मचाने वाली महामारी से इंसानियत को बचाए’। धार्मिक एकता में भारत की मिसाल कायम है। कुछ महीनों से राजनैतिक-सांप्रदायिक तनाव बढ़ रहा था, जिसकी जकड़ गायब हो गई है। बेहतर हो पूरी मानवता एकजुट होकर न केवल बीमारियों बल्कि गरीबी, अनपढ़ता और समाज अन्य कमजोरियों को भी दूर करे।

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