ये स्पाइस-2000 बम इमारत ध्वस्त करने वाले हैं, बालाकोट स्ट्राइक में पेनीट्रेटर वर्जन इस्तेमाल हुआ था
- जून में भारतीय वायुसेना ने इजरायल के साथ आपात व्यवस्था (इमरजेंसी पावर्स) के तहत 100 स्पाइस बमों का समझौता किया था
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना को अगले महीने इजराइल के स्पाइस-2000 बमों की नई खेप मिलेगी। नए बमों को इमारत ध्वस्त करने वाला (बिल्डिंग ब्लास्टर) वर्जन बताया जा रहा है। 26 फरवरी को स्पाइस-2000 बमों से ही वायुसेना ने सर्जिकल स्ट्राइक में मुजफ्फराबाद, चकोटी और बालाकोट में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था। वायुसेना के अफसर ने न्यूज एजेंसी को बताया, ‘‘स्पाइस-2000 बम सितंबर के मध्य तक हमें मिल जाएंगे। इसके साथ मार्क 84 वारहेड भी मिलेगा। स्पाइस-2000 बम बिल्डिंग को पूरी तरह खत्म करने में कारगर साबित होगा।’’ अगले महीने ही इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी द्विपक्षीय बातचीत के लिए भारत दौरे पर आ सकते हैं। बमों की सप्लाई भी इसी दौरान हो सकती है।
जून में ही भारत ने डील की थी
इसी साल जून में भारतीय वायुसेना ने इजरायल के साथ आपात व्यवस्था (इमरजेंसी पावर्स) के तहत 100 स्पाइस-2000 बमों का समझौता किया था। बालाकोट स्ट्राइक के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने में ये बम कामयाब रहे थे। भारतीय वायुसेना ने मिराज-2000 लड़ाकू विमानों से स्पाइस बम आतंकी ठिकानों पर गिराए थे। इमरजेंसी पावर्स के तहत, तीनों सेनाएं (जल, थल और नभ) किसी भी चुनौती से निपटने के लिए 300 करोड़ रुपए के उपकरण खरीद सकती हैं।
बालाकोट में पेनीट्रेटर वर्जन इस्तेमाल हुआ था
बालाकोट एयर स्ट्राइक में जिन स्पाइस बमों का इस्तेमाल हुआ, वे पेनीट्रेटर वर्जन के थे। ये बम इमारत की छत पर छेद करते हुए अंदर जाता है। इससे बिल्डिंग नहीं गिरती लेकिन यह अंदर मौजूद लोगों (आतंकियों) को मार गिराता है। यह बम 70-80 किलो विस्फोटक ले जाने में सक्षम है। 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी बालाकोट एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया था।