कोविड-19 (कोरोना वायरस) भारत में दो और मरीजों की पुष्टि हुई है, जिनमें एक दिल्ली व दूसरा तेलंगाना से संबंधित है। इस तरह देश में कुल मामलों की संख्या पांच हो गई है। दिल्ली में मिला मरीज इटली व तेलंगाना में मिला मरीज यूएई से भारत आया था। इससे पहले केरल में मिले कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज चीन से भारत आए थे। स्पष्ट है कि अब कोरोना वायरस एक यो दो देशों तक ही सीमित नहीं रहा। अमेरिका, एशिया, यूरोप व आस्ट्रेलिया महाद्वीपों तक इसका कहर छा गया है।
आईसलैंड व जापान में भी कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज पाए गए हैं। दरअसल यूरोप में सबसे अधिक मामले इटली से सामने आए हैं। चीन में भारी तबाही मचाने के बाद ईरान भी इस वायरस की चपेट में आ गया है। भारत सरकार ने इस बीमारी संबंधी गंभीरता दिखाई है व चीन में सैकड़ों भारतीयों को निकालने के साथ-साथ एयरपोर्टों पर भारत लौट रहे लोगों की स्कैनिंग की जा रही है। फिर भी इस बात पर ध्यान होना अति आवश्यक है कि चौकसी के साथ किया जा रहा जांच का काम किसी भी तरह की लापरवाही का शिकार न हो। आम तौर पर हमारे देश में काम का कल्चर ही ऐसा है कि कुछ समय बीत जाने के बाद लापरवाही का सिलसिला शुरू हो जाता है। भले ही देश में अभी तक महज कोरोना वायरस से पीड़ित 5 मामले ही सामने आए हैं लेकिन जहां तक बीमारी का संपर्क फै लने का संबंध है अगर थोड़ी सी लापरवाही भी रह गई तो यह बड़ा नुक्सान कर सकती है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से उच्च प्रबंधों के दावे किये जा रहे हैं लेकिन जिस तरह चीन-ईरान देशों में भारतीय लोग काम कर रहे हैं तब हमें बहुत चौकस रहना होगा।
महानगरों व एयरपोर्टों पर मेडीकल जांच के प्रबंध पुख्ता होने चाहिए चूंकि अगर जब कोई इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति गलती से भी देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में पहुंच गया तब वहां बड़ी मुसीबत बन सकता है। क्योंकि जिला अस्पतालों या ग्रामीण क्षेत्रों में मेडीकल सेवाओं की हालत बहुत बुरी है। लोगों में जागरूकता की भारी कमी है। कोरोना वायरस के कारण ओलम्पिक खेलों पर भी खतरा मंडरा रहा है। इसी तरह क्रिकेट एशिया कप के कार्यक्रम की तारीखें भी परिवर्तित हो सकती हैं। कुछ हो जीवन के लिए खतरा मोल लेना ठीक नहीं, खेल कुछ वक्त रूककर भी हो सकते हैं।
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