हम समझते हैं कि यह राजदूत का निजी विचार
नयी दिल्ली (वार्ता)
भारत ने यह कहते हुए चीन के राजदूत लुओ झाओहुई के त्रिपक्षीय वार्ता का सुझाव सोमवार को ठुकरा दिया कि पाकिस्तान के साथ उसके संबंध पूरी तरह से द्विपक्षीय हैं और इसमें किसी भी तीसरे देश को हस्तक्षेप करने का सवाल ही नहीं उत्पन्न होता।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने चीन के इस सुझाव की प्रतिक्रिया में कहा कि भारत और पाकिस्तान से जुड़े मसले पूरी तरह से द्विपक्षीय हैं और इसमें किसी तीसरे देश की हस्तक्षेप का सवाल ही नहीं पैदा होता। श्री कुमार ने कहा,“हमने इस संबंध में चीन के राजदूत की टिप्पणियों की रिपोर्टें देखी हैं लेकिन हमें चीन की सरकार की ओर इस तरह का काेई सुझाव नहीं मिला है। हम समझते हैं कि यह राजदूत का निजी विचार है।”
भारत में चीन के राजदूत ने आज सुझाव दिया कि शंघाई सहयोग संगठन से इतर भारत-पाकिस्तान और चीन को त्रिपक्षीय वार्ता करनी चाहिए।श्री लुओ ने एक सेमिनार में कहा कि उन्होंने कुछ भारतीय मित्रों ने सुझाव दिया है कि भारत, चीन और पाकिस्तान शंघाई सहयोग संगठन से इतर अपनी त्रिपक्षीय वार्ता कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जब चीन , रूस और मंगोलिया त्रिपक्षीय वार्ता कर सकते हैं तो भारत , पाकिस्तान और चीन ऐसा क्यों नहीं कर सकते।चीनी राजदूत ने कहा कि हमें शंघाई सहयोग संगठन, ब्रिक्स और जी 20 देशों के समूह में तालमेल तथा सहयोग बढाने की भी जरूरत है जिससे कि वैश्विक चुनौतियों का सामना किया जा सके।
भारत और पाकिस्तान ने शंघाई सहयोग संगठन का पूर्ण सदस्य बनने के बाद इसी महीने चीन के क्विंगदो में हुए शिखर सम्मेलन में पहली बार हिस्सा लिया था।
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