अनाप-शनाप टैक्स की दरें होने से अर्थव्यवस्था चरमराई

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बजरंग गर्ग ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन की देश में टैक्स कटौती पर कटाक्ष करते हुए कहा- (Economy)

  •  जीएसटी कानून में पूरी तरह से सरलीकरण करें

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)।अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव ( Economy)  बजरंग गर्ग ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन की देश में टैक्स कटौती पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों व अनाप-शनाप टैक्स होने के कारण देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। गर्ग ने आज यहां व्यापारियों से बातचीत करने के बाद कहा कि पूरे विश्व में सबसे ज्यादा टैक्स की दरें भारत में है। जितने का पेट्रोल व डीजल नहीं है उससे कई ज्यादा पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाया हुआ हैं। आम उपयोग में आने वाली वस्तुओं पर 18 व 28 प्रतिशत जीएसटी लगाकर केंद्र सरकार ने जनता की कमर तोड़ कर रख दी है।

  • आजादी के बाद गरीब के तन का कपड़ा
  • व जनता की मुंह की मिठास चीनी (कपड़ा व चीनी) पर कभी भी टैक्स नहीं था
  •  केंद्र सरकार ने कपड़ा जो कफन के काम भी आता है
  • व चीनी जो हर गरीब व्यक्ति चाय में उपयोग करता है।
  • उस पर भी टैक्स लगा दिया है।

इनकम टैक्स की दरें भी बहुत ज्यादा( Economy)

गर्ग ने कहा कि देश में इनकम टैक्स की दरें भी बहुत ज्यादा है, जबकि सरकार ने व्यापारी व आम जनता पर जीएसटी, मार्केट फीस, हर प्रकार की लाइसेंस फीस, हाउस टैक्स, सर्विस टैक्स आदि प्रकार के टैक्स लगाए हुए हैं। केंद्र सरकार ने एक देश एक टैक्स के तहत सभी वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाकर जीएसटी के दायरे में ले ली,लेकिन पेट्रोल व डीजल टैक्स की दरे कम करके जीएसटी के दायरे में नहीं लाया गया। जीएसटी लगाने के बाद मार्केट फीस समाप्त होनी चाहिए थी। वह भी समाप्त नहीं की गई।

जीएसटी की दरें कम करे सरकार

उनके अनुसार टैक्सों की दरों ज्यादा होने के कारण व नए-नए कानून बनाने व जीएसटी को भारी-भरकम जटिल बनाने व भ्रष्ट अफसरों द्वारा नाजायज तंग करने से देश व प्रदेश में व्यापार व उद्योग पूरी तरह से बिछड़ता जा रहा है। सरकार व्यापार व उद्योग को बढ़ावा देना चाहती है और बेरोजगारी कम करने के साथ-साथ महंगाई पर अंकुश लगाना चाहती है तो जीएसटी की दरें कम कर, जीएसटी लगाने के बाद सरकार अपनी घोषणा के अनुसार मार्केट फीस समाप्त करें, जीएसटी कानून में पूरी तरह से सरलीकरण करें, इनकम टैक्स कि दर जो 30 प्रतिशत है उसे घटाकर अधिकतम 20 प्रतिशत तक किया जाए व इनकम टैक्स के स्लैब व बाकी दरों में भी सरलीकरण किया जाए ताकि आम जनता को राहत मिल सके।

 

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