नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। देश से चीनी सत्र (अक्टूबर-सितंबर) 2021-22 में 109.8 लाख टन (एलएमटी) का रिकॉर्ड उच्चतम चीनी का निर्यात हुआ जिससे लगभग 40,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अर्जित की गई। उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि चीनी सत्र के दौरान 5000 एलएमटी से अधिक गन्ने का उत्पादन हुआ है, जिसमें से लगभग 3574 एलएमटी गन्ने को चीनी मिलों ने संवर्धित कर करीब 394 लाख टन चीनी (सुक्रोज) का उत्पादन किया है। इसमें से 35 एलएमटी चीनी का इस्तेमाल एथनॉल तैयार करने में और शेष का मिलों द्वारा 359 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया।
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यह सत्र भारतीय चीनी उद्योग के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक
मंत्रालय ने कहा कि भारत अब दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक तथा उपभोक्ता और दुनिया के दूसरे सबसे बड़े चीनी निर्यातक के रूप में उभर कर सामने आया है। यह सत्र भारतीय चीनी उद्योग के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक साबित हुआ है। गन्ना उत्पादन, चीनी उत्पादन, चीनी निर्यात, गन्ना खरीद, गन्ना बकाया भुगतान और एथनॉल उत्पादन के सभी रिकॉर्ड इसी दौरान बनाए गए। बयान के अनुसार, गन्ना सत्र 2021-22 के दौरान चीनी मिलों ने 1.18 लाख करोड़ रुपये से अधिक के गन्ने की खरीद की है और भारत सरकार द्वारा बिना किसी वित्तीय सहायता (सब्सिडी) लिए हुए 1.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान जारी किया है। इसी प्रकार से, चीनी सत्र के अंत में गन्ना बकाया 6,000 करोड़ रुपये से कम हो गया है, जो यह दशार्ता है कि गन्ना बकाये में से 95 प्रतिशत भुगतान पहले ही किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि गन्ना सत्र 2020-21 के लिए 99.9 फीसदी से अधिक गन्ना का बकाया चुका दिया गया है।
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