भारत-चीन के टैंक एक दूसरे की फायरिंग रेंज में, वॉर जोन में तब्दील हो चुका है एलएसी का इलाका

India-China

नई दिल्ली (एजेंसी)। गत 9 दिसंबर को चीन की सेना ने भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास किया लेकिन हमारी सेना के वीर जवानों ने साहस और पूरी ताकत के साथ सीमा की सुरक्षा की। बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण बने हुए है। चीन ने बड़ी संख्या में बड़े और छोटे टैंक की तैनाती कर दी है, जो भारतीय रेंज के बिल्कुल पास है। चीन की हर हरकत को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने भी झड़प वाली जगह के दक्षिणी छोर पर टैंक और आर्टिलरी सपोर्ट का जाल बिछा दिया है। दोनों ओर से भारत और चीन ने जहां अपने-अपने टैंकों की तैनाती की है वहां से दोनों सेनाएं एक-दूसरे के फायरिंग रेंज में हैं। भारत-चीन सीमा को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंगलवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की है।

दोनों देशों के बीच ब्रिगेड कमांडर स्तर की वार्ता हुई

पैंगोंग झील इलाके के दक्षिणी क्षेत्र में हुई घटना के बाद भारत-चीन के बीच तनाव को देखते हुए सोमवार को भारतीय क्षेत्र चुशुल में दोनों देशों के बीच ब्रिगेड कमांडर स्तर की वार्ता हुई लेकिन कुछ नतीजा नहीं निकला। इसलिए तनाव खत्म करने की दिशा में आज फिर मंगलवार को चीनी क्षेत्र के मोल्डो में ब्रिगेड कमांडर स्तर की वार्ता हो रही है लेकिन इसका भी कुछ नतीजा आता नहीं दिख रहा है। भारत ने इस वार्ता में हेलमेट टॉप एंड ब्लैक टॉप जैसे क्षेत्रों में पीएलए की तैनाती पर आपत्ति जताई है।

इनपुट के अनुसार भारतीय सेना पीएलए की तुलना में सामरिक दृष्टिकोण से बेहतर और मजबूत स्थिति में है, क्योंकि चीनी सेना की नीयत को देखते हुए भारत ने ऊंचाइयों के अग्रिम मोर्चों पर सेना की तैनाती कर रखी है। भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन कहते हैं कि भारतीय पक्ष काफी सक्रिय रहा है। निगरानी के बाद जब हमने पाया कि चीनी उन ऊंचाइयों तक रेंगने की कोशिश कर रहे थे, तो हमने यह सुनिश्चित कर लिया कि हम उस पर जल्दी से कब्जा कर लें।

चीन की ‘लोन ऐप’ पर प्रतिबंध लगाया जाना जरूरी: रेड्डी

तुरंत ऋण देने वाले चीन की ‘लोन ऐप’ पर प्रतिबंध लगाने तथा इनके पंजीकरण को अनिवार्य बनाकर इनके लिए कड़े नियम बनाने की आज राज्यसभा में मांग की गयी। वाईएसआर कांग्रेस के वी विजय साई रेड्डी ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि चीन की ये ऐप एक दुष्चक्र के तहत लोगों को अपने जाल में फंसा लेती हैं और फिर उनसे कई गुणा अधिक धन वसूलने में लगी हैं। उन्होंने कहा कि वैसे तो ये ऐप चीन से संचालित की जा रही हैं लेकिन कई एजेन्ट इनके लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन ऐप के भारतीय रिजर्व बैंक में पंजीकरण को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए और इनके संचालन के नियमों को कड़ा बनाये जाने की जरूरत है। उन्होंने नियमों का पालन नहीं करने वाले ऐप पर प्रतिबंध लगाये जाने की भी मांग की।

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