माता-पिता व पूनम बोली, डा. एमएसजी की प्रेरणाओं व बताए टिप्स को फॉलो कर पाया मुकाम
सच कहूँ/सुनील कुमार,खारियां। योगा में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाने वाली जिला के गाँव मेहणाखेड़ा निवासी पूनम इन्सां का रविवार देर शाम हरिद्वार धाम रामपुरथेड़ी में ब्लॉक रामपुरथेड़ी-चक्कां की ओर से सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें कोविड नियमों की पालना करते हुए ब्लॉक की साध-संगत, जिम्मेवारों व 45 मैम्बर की ओर से उन्हें विशेष उपहार देकर सम्मानित किया गया।
ब्लॉक रामपुरथेड़ी-चक्कां के जिम्मेवारों ने कहा कि उन्हें बेहद प्रसन्नता है कि उनके ब्लॉक के गाँव मैहणाखेड़ा निवासी डेरा अनुयायी हरद्वारी लाल इन्सां की पुत्री ने योगा में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाकर गाँव, ब्लॉक व पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का नाम रोशन किया है। इसलिए ब्लॉक की साध-संगत ने उन्हें सम्मानित कर उनका हौंसला बढ़ाया है। बता दें कि पूनम इन्सां ने एक मिनट में बिना हाथ टच किए 34 बार पद्मासन कर अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करवाया है।
जिसके पश्चात उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड की ओर मेडल, सर्टिफिकेट, पेन, दो वीआईपी ट्रेवलिंग स्टीकर, आईकार्ड, बेज व एक इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड 2021 की पुस्तिका का सेट भेज कर सम्मानित किया गया। इसके पश्चात लगातार पूनम इन्सां को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। इसी कड़ी में ब्लॉक रामपुरथेड़ी-चक्कां की ओर से उन्हें सम्मानित किया गया। इस अवसर पर 45 मैम्बर राकेश इन्सां, ब्लॉक भंगीदास राजाराम इन्सां, 25 मैम्बर संदीप इन्सां, 15 मैम्बर विजय सिंह इन्सां, श्रीराम इन्सां, सिकंदर इन्सां, जस्सी इन्सां, पूनम इन्सां के पिता हरद्वारी लाल इन्सां, माता माया इन्सां, पूर्व भंगीदास जंग सिंह इन्सां मौजूद रहे।
खेती-बाड़ी से जुड़ा है परिवार
ब्लॉक रामपुरथेड़ी चक्कां के गाँव मैहणाखेड़ा निवासी पूनम इन्सां एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती है और वे दो बहन-भाई है। भाई गौरव इन्सां बड़ा है। उनके पिता हरद्वारी लाल इन्सां खेती बाड़ी का कार्य करते है। जबकि माता माया देवी गृहणी है। पूनम वर्तमान में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई कर रही है। हरद्वारी लाल इन्सां का परिवार लंबे समय से डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा हुआ है और मानवता भलाई कार्यो में हमेशा आगे रहता है।
पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए हरद्वारी लाल इन्सां ने कभी भी अपनी बेटी को बोझ नहीं समझा। बल्कि बेटे से अधिक लाड-प्यार दिया। इसके अलावा अच्छी शिक्षा के साथ नियमित योगासन, कल्चरल एक्टिविटी व रूची अनुसार आगे बढने में साथ दिया। जिसका परिणाम आज सबके सामने है। पूनम इन्सां राज्य स्तरीय पत्र लेखन प्रतियोगिता में भी तृतीय स्थान हासिल कर चुकी है।
मुझे बेहद खुशी है कि उनकी बेटी ने न केवल अपना बल्कि अपने माता-पिता, गांव, समाज के साथ-साथ जिला व देश का नाम भी रोशन किया है। अगर प्रत्येक माता-पिता अपनी लड़कियों को अच्छी परवरिश व उनकी रुचि अनुसार अच्छे से तैयारी करवाएं तो लड़कियां आज लड़कों से पीछे नहीं है।
माया देवी इन्सां (माता)
मैं बचपन से योगा करती रही हूँ लेकिन पिछले कुछ समय से मैने पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की प्ररेणाओं व उनके द्वारा बताए गए टिप्सों के गहन अध्यन व नियमित योगाभ्यास में शामिल करने से ही मैने अपने अन्दर इंप्रूवमेंट कर उपरोक्त उपल्बधि प्राप्त की है। जिसका पूरा श्रेय अपने पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां, माता-पिता व चाचा संदीप इन्सां को देना चाहूंगी।
पूनम इन्सां
देखिए उनके परिवार में यह खुशी का आलम पूज्य गुरूजी के आशीर्वाद और मेडिटैशन व योगासन के बताए टिप्स बदौलत आया है। बेटी पूनम ने यह साबित कर दिया कि आज लड़कियां लड़कों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है अगर उन्हें मौका दिया जाए तो वह अपनी काबिलियत हर विषम परिस्थितियों में भी साबित कर सकती है।
हरद्वारी लाल इन्सां (पिता)
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