बच्चों में डालें बचत की आदत

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क हा जाता है कि अगर बच्चों को सही दिशा दिखानी हो तो उसकी शुरूआत उसके बचपन से ही कर देनी चाहिए। ये बात अगर बचत की हो तो और भी जरूरी हो जाता है। उसे फिजूल खर्च और जरूरत का फर्क बताएं। हालांकि मौजूदा दौर में यह समझाना अधिक मुश्किल नहीं रह गया है। इसके लिए आपको अभी से प्रयास करने होंगे। यहां हम आपको यही बताने जा रहे हैं।

जरूरी और लग्जरी का फर्क समझाएं

कई बार हम अपने बच्चों की हर मांग को पूरा करने में जुट जाते हैं। लेकिन हर बार यह सही नहीं होता है। इससे उसकी आदत खराब होने लग जाती है। उसकी वही मांग पूरी करें, जिसकी उस समय सबसे ज्यादा जरूरत हो। इसके लिए उसे जरूरी और लग्जरी का फर्क समझाएं।

जन्मदिन पर दें गुल्लक

उसमें बचत डालने की आदत उसके जन्मदिन से ही की जा सकती है। इसके लिए उसे प्यारी सी गुल्लक उपहार में दी जा सकती है। इस यादगार उपहार को संभालकर तो रखेगा ही साथ ही इसका महत्व भी जान जाएगा।

खुलवाएं सेविंग अकाउंट

बचत की आदत डालने के लिए उसका सेविंग अकाउंट भी खुलवाया जा सकता है। कुछ बैंकों में बकायदा बच्चों के लिए अकाउंट खोले जाते हैं। कुछेक बैंकों में बकायदा बच्चों के लिए अकाउंट खोलने की सुविधा दी जाती है। इसकी के तहत एसबीआई ने बच्चों के लिए दो बचत खाते पेश किए हैं। इनका नाम है पहला कदम और पहली उडान। इसके लिए बच्चे की उम्र कुछ माह से लेकर 18 वर्ष होनी चाहिए। इसमें बैंक एटीएम और चेकबुक भी आॅफर करते हैं। बच्चों को बताएं कि इसमें पैसे डालने से क्या लाभ होगा।

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