भारत मे भीड़ हिंसा इन दिनों चरम पर है। भीड़ हिंसा में बढ़ावा को देखते हुए (Increasing Mob Violence) सरकार ने कड़े नियम लगाने की पेशकश की है। लेकिन अभी भी ऐसे घटनाएं दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। भीड़ तंत्र का भयवाह रूप होना उसके भीड़ को दर्शाती है। एक साथ कई लोगों का जमाव होकर किसी को अपराधी कह कर पीट-पीट कर मार देना ही भीड़तंत्र कहलाता है। लोग कानून को हाथ मे लिए हुए कई बड़े बड़े अपराधों को जन्म दे देते हैं। जिसका शिकार बने व्यक्ति को अपनी हाथ से जान गवांकर चुकानी पड़ती है।
इन घटनाओं के बढ़ने का कारण यह है कि कानून इसमें अपराधी को चिन्हित नही कर पाती है। जिससे ऐसे घटनाओं का प्रसार दिन ब दिन बढ़ता चला जा रहा है। जो हर बार मानवता को शर्मसार करते हुए प्रतीत होती है। ऐसे ही एक घटना बिहार के भोजपुर से प्रकाश में आयी है। जो मानवता को बहुत अधिक शर्मसार करती है। बीते सोमवार को बिहार के भोजपुर जिले में एक युवक की हत्या हो गई।
आपकों बता दें कि बिहार में रेलवे स्टेशन के पास सोमवार सुबह विमलेश कुमार नाम के युवक का शव बरामद हुआ था। लोगों को आशंका थी कि विमलेश कुमार की हत्या कर दी गयी है। विमलेश के नजदीकी लोगों ने बिहियां रेलवे स्टेशन के पास रहने वाली एक महिला पर हत्या कराने का शक जताया। इसके बाद सैकडों की तादाद में लोग इकट्ठा हो गए। भीड ने महिला के घर पर हमला बोल दिया और उसके घर को जला दिया।
इसके बाद महिला को खींच कर सड़क पर निकाला गया। सरेआम उसके कपड़े फाड़े गये और उसे निर्वस्त्र कर दिया गया इस युवक के हत्या के आरोप में एक महिला को निवस्त्र घुमाया गया है। सबसे निंदनीय बात यह है कि इस पूरे घटना का वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। घटना जितना निंदनीय है उतना शर्मनाक भी। यह घटना ज्यादा झकझोरने वाली इस लिए है क्योंकि एक और जहां हम महिलाओं के प्रति बढ़ रहे शोषण में पूरा भारतीय समाज एक हो रहे हैं। किसी की घटना जो महिलाओं के शोषण को दर्शाती है, ऐसे घटनाओं में पूरा भारतीय समाज एक होकर लड़ता दिखता है। चाहे वो कश्मीर में हो या कन्याकुमारी उसकी उन घटनाओं के प्रति गुस्सा हर राज्य में प्रकट होती देखती है।
दिल्ली में किसी महिला के शोषण का गुस्सा झारखण्ड के एक जिले में दिखती है। जिससे पता चलता है कि भारतीय समाज अब महिलाओं के प्रति जागरूक हो रहा है और उनकी दर्द समझ रहा है। वहीं बिहार की ऐसे घटना में विचारनीय प्रशन उठना लाजमी है। एक और जहां हम मूर्ति के देवियों को वस्त्र पहनना लोग खुशी की बात समझते हैं वहीं दूसरी और महिलाओं को निर्वस्त्र करना शर्म की बात है। अभी तक असम में 15, झारखंड में 11, महाराष्ट्र में 10, आंध्र-तेलंगाना में 8, त्रिपुरा में 3, मेघालय में 8, नगालैंड में 2, बंगाल में 4, उप्र में 4, राजस्थान में 4 मौतें सिर्फ भीड़ की हिंसा के कारण हुई हैं। ये कुछ आंकड़े बताने का मकसद है कि लगभग पूरे देश में हत्यारी भीड़ के उग्र प्रदर्शन जारी हैं।
लोगों को भड़काने में सोशल मीडिया को जरिया बनाया जा रहा है। जिनमे लोग आसानी से फंसते चले जा रहे हैं। फिर इन फर्जी खबरों का बड़े क्षेत्र में फैलाया जाता है। इनदिनों ऐसे ही घटना चरम पर है। अखबारों में खबर आती रहती है बच्चों को पकड़ने वाले को भीड़ ने मार डाला। आदमखोर कह कर भीड़ ने व्यक्ति को मारा। इन घटनाओं से मानवता शर्मसार होती है।
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