विदेशी फामूला बनाएगा किसानों को माला-माल, बढ़ेगी आय

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चंडीगढ़ (सकब)। अब किसानों की माला माल करने के लिए विदेश फामूला इस्तेमाल किया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुवाई में इजरायल और लंदन गए कृषि विशेषज्ञों ने जहां न्यूनतम पानी का इस्तेमाल कर अधिकतम उत्पादन लेने की तकनीकों का अध्ययन किया, वहीं कृषि मंत्री ओपी धनखड़ ने करीब आधा दर्जन देशों का दौरा कर खेती में सुधारों पर टिप्स लिए। अब महकमे के अफसर इन अनुभवों को हरियाणा की परिस्थितियों के अनुसार लागू करने के तरीकों पर मंथन में जुटे हैं।ब्राजील, अर्जेंटीना और इजरायल की मदद से गायों की नस्ल सुधारने के लिए उत्कृष्टता केंद्र बनाने का प्रोजेक्ट कारगर होगा। हालैंड के सहयोग से गुरुग्राम में दुनिया की सबसे बड़ी फूल मंडी बनने से किसानों को निकट में ही बड़ा बाजार मिल जाएगा। इसके अलावा सोनीपत के गन्नौर में बन रही अंतरराष्ट्रीय फल एवं सब्जी मंडी में अर्जेंटीना की मेरकाडो सेंट्रल मंडी और स्पेन की मेरकाबारना मंडी की तर्ज पर किसानों को वैश्विक स्तर की सुविधाएं मिलेंगी।

बूंद-बूंद का होगा इस्तेमाल

स्पेन की मदद से प्रदेश में खट्टे फलों के बाग लगाने से बागवानी किसानों के लिए नए अवसर पैदा होंगे। स्पेन ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई अन्य क्षेत्रों में भी मदद की पेशकश की है। स्पेन का प्रतिनिधिमंडल अक्टूबर या नवंबर में हरियाणा का दौरा करेगा जिसके बाद नींबू-संतरे के बाग लगाने, जैतून की खेती व फूड प्रोसेसिंग को आगे बढ़ाने के लिए समझौता होगा।

इजरायल तकनीक का होगा इस्तेमाल

खेतों में न्यूनतम लागत से अधिकतम पैदावार लेने में इजरायल का कोई जवाब नहीं। इजरायल ने खासकर सूक्ष्म सिंचाई विधि से पानी बचाने, पानी के पुनर्भरण और जल संरक्षण की तकनीक साझा करने के साथ ही प्रदेश में कुछ और उत्कृष्टता केंद्र बनाने की पेशकश की है। वहां की कई कंपनियां जल संरक्षण और कृषि उद्देश्य के लिए पानी के पुनर्भरण में नवीनतम तकनीक हरियाणा के अफसरों से साझा करेंगी। वैज्ञानिक तरीके से तालाबों का पानी खेती के काम आएगा।

उत्पादन से लेकर मार्केटिंग तक में दक्ष होंगे किसान

विदेश दौरे पर गए प्रतिनिधिमंडलों में शामिल रहे कृषि सचिव अभिलक्ष लिखी और मार्केटिंग बोर्ड के प्रशासक मंदीप बराड़ के मुताबिक खेती को लेकर विदेश में काफी काम हुआ है। दौरे के दौरान टीम ने कई नवीनतम तकनीकें जानी। यह निश्चित रूप से किसानों की आय बढ़ाने में सहायक साबित होंगी। हरियाणा की परिस्थितियों के अनुसार इन तकनीकों को अपनाया जाएगा। किसानों को फसल उत्पादन से लेकर मार्केटिंग तक में दक्ष बनाने पर विभाग का फोकस है।