हीट वेव से बचने के लिए अधिक से अधिक पानी का करें सेवन
- एलर्जी से बचने केलिए धूप में कम निकलें व सनस्क्रीन क्रीम का करें प्रयोग: डॉ. रामपाल
पिहोवा (सच कहूँ/जसविंद्र)। Pehowa News: लगातार दिन प्रतिदिन बढ़ रही गर्मी व सामान्य से ज्यादा तापमान होने के कारण हीटवेव का खतरा बढ़ जाता है। इस कारण बच्चों, बुजुर्गों और प्रेग्नेंट महिलाओं पर कई तरह की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट ने भीषण गर्मी से बचने के लिए कई तरीके सुझाए हैं। जब तापमान 45 से ज्यादा पहुंच जाता है तो हीट वेव का खतरा मंडराने लगता है। इसमें कमजोर लोगों को हीट स्ट्रोक लग जाता है। ज्यादा तापमान बढ़ने से शरीर पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से खतरा बढ़ जाता है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण इस तापमान का असर कहीं ज्यादा है। ज्यादा गर्मी पर तापमान के कारण लोग हीट वेव के शिकार हो जाते हैं Kurukshetra News
किन लोगों को है ज्यादा खतरा | Kurukshetra News
डॉ. अमित अरोड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि बच्चे, बुजुर्ग, प्रेग्नेंट महिलाएं और बीमार व्यक्तियों को बढ़ते तापमान का सबसे ज्यादा खतरा है। इसके अलावा एथलीट और बाहर मजदूरी का काम करते हैं, उन्हें भी भीषण गर्मी से शरीर प्रभावित होने का खतरा ज्यदा है। जब बाहर का तापमान पहले से ही बढ़ा रहता है और इसके असर के कारण बॉडी के अंदर के तापमान में भी इजाफा होता है। इससे शरीर का मेटाबोलिक प्रोसेस पर असर पड़ता है। जब तापमान नॉर्मल से ज्यादा हो जाता है तो शरीर में तापमान को संतुलित करने की क्षमता कमजोर होने लगती है।
वहीं सांसों और हार्ट से संबंधित बीमारियों के कारण पहले से बीमार लोगों की मौत की आशंका भी बढ़ जती है। डॉ. अरोड़ा ने कहा की दोपहर के समय अधिक गर्मी में बिना वजह बाहर जाने से बचें। ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी न करें। एक्सरसाइज सुबह ही करें। दिन में कई बार स्नान करेें। लूज और लाईट कपड़े ही पहनें पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं और हल्का खाना खाएं। Kurukshetra News
बच्चों में डायरिया का खतरा अधिक: डॉ. गर्ग
बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रवि गर्ग ने बताया कि गर्मी के कहर के साथ बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है और बच्चों में कई तरह की बीमारियां होने का डर बढ़ भी बढ़ जाता है। डॉ. गर्ग ने कहा कि अधिक गर्मी तापमान के कारण बच्चों को बहुत सी बीमारियां हो सकती बच्चों को डायरिया, उल्टी और स्किन संबंधी दिक्कतों का खतरा ज्यादा रहता है। इन बीमारियों की वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और यह बीमारियां गंदगी की वजह से होती है। इसमें 10 साल तक बच्चों में डायरिया आदि के मामले सामने आते हैं।
प्रेग्नेंट महिलाओं का गर्मी से बचाव जरूरी: डॉ. विभा | Kurukshetra News
महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा चुघ ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रचंड गर्मी में सभी की हालत बिगड़ी हुई है। यह मौसम गर्भवती महिलाओं की परेशानी और बढ़ा देता है। गर्मी से सिर में दर्द होना, चक्कर आना, मितली, उल्टी लगना और भूख की कमी आदि तरह-तरह की परेशानी होती है। गर्भवती महिला इस मौसम में गर्म तासीर वाली चीजों का सेवन करती है तो शरीर का तापमान और बढ़ जाता है, जिससे ब्लीडिंग, मिसकैरिज जैसी समस्या का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में जरूरी है कि गर्भवती धूप में न रहें। आराम करें। नारियल पानी, लस्सी, शिकंजी आदि का सेवन कर सकती हैं। जिससे गर्मी का एहसास कम होगा
गर्मी में घमौरी, रेड रैशेज की समस्या आम: डॉ. मान
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रामपाल मान ने जानकारी देते हुए बताया कि अधिकतर लोगों को गर्मी के मौसम में त्वचा संबंधित समस्याएं जैसे स्किन एलर्जी, घमौरी, रेड रैशेज, लाल दाने, फंगल इन्फेक्शन त्वचा में खुजली होना आदि। गर्मी के मौसम में त्वचा संबंधित समस्याएं परेशान करने लगती हैं। स्किन एलर्जी, घमौरी, रेड रैशेज, त्वचा में खुजली होना, पिगमेंटेशन, सनबर्न आदि समस्याएं अधिक देखने को मिलती हैं। ऐसे में धूप में निकलने से पहले त्वचा पर सनस्क्रीन लोशन लगाना चाहिए।
स्किन एलर्जी होने पर क्या करें
धूप में अधिक निकलने से स्किन एलर्जी होने की समस्या बढ़ जाती है। इससे स्किन पर लाल चकत्ते हो जाते हैं और खुजली भी होती है। स्किन एलर्जी ना हो, इसके लिए धूप में कम जाएं। घर से बाहर निकलना जरूरी है, तो चेहरे को अच्छी तरह से कवर कर लें। एलर्जी बढ़ जाए तो डॉक्टर से संपर्क करें। घर से बाहर निकलने के समय हैट या छाते का इस्तेमाल करें। अच्छी कंपनी का सनस्क्रीन जरूर लगाएं। खुद को हाइड्रेट रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी और लिक्विड चीजें पिएं। कम से कम दिन में दो बार स्नान करें, इससे राहत मिलती है। Kurukshetra News
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