ग्लोबोकॉन के अनुसार अब 55 नहीं 40 साल में ही स्तन कैं सर से ग्रस्त हो रहे नागरिक | Cancer
- शाकाहारी महिलाओं में स्तन कैं सर की संभावनाएं 40 फीसदी कम
- स्तन कैंसर से बढ़ रही मृत्युदर को कम करने के लिए जागरुकता जरूरी
सच कहूँ/संजय मेहरा
गुरुग्राम। मंगलवार को हम विश्व कैंसर दिवस मना रहे हैं। इस मंगल के दिन एक अमंगल खबर यह है कि विश्वस्तर पर कैंसर से होने वाली मौतों का मुख्य कारण स्तन कैंसर है। हरियाणा में भी कैंसर के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ग्लोबोकैन-2018 की हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में स्तन कैंसर से ग्रस्त महिलाओं की सबसे बड़ी संख्या भारत की है। रिपोर्टानुसार अब कैंसर से ग्रस्त होने की उम्र 55 साल से घटकर 40 साल हो गई है। आईसीएमआर-2018 के आंकड़ों की माने तो भारत में पिछले साल स्तन कैं सर के 1.5 लाख नए मामले दर्ज किए गए हैं।
गुरुग्राम स्थित सीके बिरला हॉस्पिटल फॉर वुमन के स्तन कैंसर सर्जन डॉ. रोहन खंडेलवाल के मुताबिक भारत में 25 में से एक नागरिक में स्तन कैंसर की पहचान होती है, जो अमेरिका या यूके जैसे विकसित देशों की तुलना में कम है। विकसित देश बीमारियों के बारे में अधिक जागरुक रहते हैं, इसलिए शुरूआती चरण में बीमारी के निदान और इलाज के साथ उनका सर्वाइवल रेट बेहतर होता है। यदि भारत की बात करें तो जागरुकता में कमी के कारण यहां का सर्वाइवल रेट बहुत कम है। दो में से एक मरीज निदान के पांच सालों के भीतर ही मर जाता है, जो 50 फीसदी मृत्युदर को दर्शाता है।
खराब जीवनशैली और नशा मुख्य कारण |Cancer
विश्वस्तर पर 40 साल से कम उम्र की 7 फीसदी आबादी स्तन कैंसर से ग्रस्त है। जबकि भारत में 15 फीसदी के साथ यही आंकड़े दोगुने हो जाते हैं, जिसमें एक फीसदी आबादी पुरुषों की शामिल है। अनुवांशिक कारणों के अलावा खराब जीवनशैली, शराब का अत्यधिक सेवन, युवाओं में बढ़ता मोटापा, तनाव और खराब डाइट आदि कारण महिलाओं में स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। एक अध्ध्यन के अनुसार शाकाहारी महिलाओं में स्तन कैंसर की संभावनाएं 40 फीसदी कम होती हैं।
दुनियाभर में मुंह के कैंसर की राजधानी के रूप में जाना जाता है भारत | Cancer
चीन और संयुक्त राज्य (अमेरिका) के बाद कैं सर के मरीजों के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है। यहां पर मुंह के कैंसर का 90 प्रतिशत कारण तंबाकू है। इसे रोककर ही हम तंबाकू के खतरे से मुकाबला कर सकते हैं। संबंध हेल्थ फाउंडेशन के ट्रस्टी संजय सेठ के मुताबिक अब भारत को दुनियाभर में मुंह के कैंसर की राजधानी के रूप में जाना जाने लगा है। सर्वाइकल कैंसर के बारे में लैंसेट ग्लोबल हेल्थ के एक अध्ययन में कहा गया है कि वर्ष 2018 में इससे भारत में सबसे अधिक लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि मुंह और फेफड़ों के कैंसर के कारण 25 प्रतिशत से अधिक पुरूषों की मृत्यु होती है। जबकि मुंह और स्तन के कैंसर में 25 प्रतिशत से अधिक महिलाओं की मृत्यु होती है।
हरियाणा में 46.84 लाख लोगों तंबाकू की शिकंजे में
- ग्लोबल एडल्ट टोबेका सर्वे के मुताबिक हरियाणा में 23.6 प्रतिशत लोग तंबाकू का उपयोग करते हैं।
- इनमें से 39 लाख (19.7 प्रतिशत) लोग धु्रमपान का सेवन करते हैं।
- प्रदेश में 15.5 प्रतिशत बीड़ी, 7.6 प्रतिशत हुक्का और 2.6 प्रतिशत सिगरेट का सेवन करने वाले शामिल है।
- यहां 15 से 17 वर्षं में तंबाकू सेवन करने वाले 4 प्रतिशत उपयोगकर्ता बढ़े है।
- तंबाकू जनित पदार्थों के उपयोग से प्रदेश में सालाना अनुमानित 28 हजार लोगों की मौत हो जाती है।
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