इस साल अब तक छह जिलों में ही 1900 महिला उत्पीड़न के केस हुए दर्ज, अकेले गुरुग्राम में 528 मामले
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रोजाना 3 महिलाएं औसतन हो रही आपराधिक वारदातों का शिकार
चंडीगढ़ (सच कहूँ/अनिल कक्कड़)। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार में प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। न तो सरकार इस ओर ध्यान दे रही है और पीड़ित महिलाओं की शिकायतों पर तो पुलिस केस ही दर्ज नहीं कर रही। मजबूरन इन महिलाओं को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है और तब जाकर एफआईआर दर्ज होती है। ऐसा ही एक मामला पुन्हाना के एक गांव में देखा गया है, जहां एक विवाहिता के साथ गैंगरेप के बाद उसकी मौत हो गई, लेकिन असंवेदनशील सरकार व पुलिस द्वारा तुरंत कोई कार्रवाई नहीं की गई। महिला की मौत के एक माह बाद इस मामले में केस दर्ज हुआ है। वहीं पानीपत की एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस तो कुछ कर नहीं पा रही, लेकिन 56 साल की रानी बंसल ने स्वयं ही स्नेचरों से लोहा लेकर अपने गहने बचाए।
2020 के मुकाबले 2021 में बढ़ा उत्पीड़न
कु. सैलजा ने कहा कि महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की पुष्टि ये आंकड़े भी कर रहे हैं। हरियाणा में अब तक इस साल सिर्फ छह जिलों में ही महिला उत्पीडन के 1900 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। जिससे अब महिलाएं घर से बाहर निकलने से भी घबरा रही हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि अकेले गुरूग्राम में महिलाओं पर अत्याचार के मामलों में भारी बढ़ोतरी हुई है। गुरुग्राम में वर्ष 2020 के शुरूआती छह महीनों में जहां महिला अपराध की 338 घटनाएं हुई थी, वर्ष 2021 में इसमें काफी इजाफा हुआ है। इस साल ये घटनाएं बढ़कर 528 हो गई हैं। शुरूआती छह महीनों की अवधि में 190 अपराध की घटनाएं अधिक दर्ज हुई हैं। हर दिन औसतन 3 महिलाएं आपराधिक वारदात का शिकार हो रही हैं।
फरीदाबाद, नूंह, झज्जर में भी बढ़े महिलाओं के प्रति अपराध
इसके अलावा फरीदाबाद में जहां 2020 में महिला अपराध के 337 मामले सामने आए थे, वह इस साल बढ़कर 514, नूंह में पिछले साल जहां 128 मामले थे वह बढ़कर 132, झज्जर में पिछले साल 177 मामलों की अपेक्षा इस साल 346, रेवाड़ी में 211 मामले पिछले साथ थे जो अब बढ़कर 227 तथा पलवल में पिछले साल जहां 173 महिला अपराध के मामले थे जो इस साल अब तक 213 तक पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े स्पष्ट दर्शाते हैं कि प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार महिलाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने में पूरी तरह से नाकाम रही है।
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