नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। इजरायल ने फिलिस्तीनी (Palestine) क्षेत्र में गाजा के एक अस्पताल में कल रात एक रॉकेट गिरने की घटना पर आज वीडियो प्रमाण देने के साथ स्पष्टीकरण दिया कि उक्त रॉकेट हमास आतंकवादियों द्वारा दागा गया था जो निशाना चूक कर अपने ही क्षेत्र में जा गिरा था और फिलिस्तीनी पक्ष इस हमले को लेकर मनगढ़ंत एवं बेबुनियाद आरोप लगा रहा है। भारत में इजरायल के राजदूत राजदूत नाओर गिलोन ने आज यहां गाजा अस्पताल पर हमले को लेकर हमास के प्रचार का जवाब देने के लिए एक बयान जारी किया और इस बारे में तकनीकी विवरण और वीडियो फुटेज भी साझा किये। New Delhi
गिलोन ने कहा कि गाजा स्थित अल अहली अस्पताल दरअसल फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद के एक रॉकेट का शिकार हुआ है। उन्होंने कहा कि लड़ाई की शुरूआत से, 450 से अधिक फिलिस्तीनी-गोले रॉकेट निशाना चूक कर गाजा पट्टी के अंदर गिरने की घटनाएं हुईं हैं। उन्होंने कहा, ‘वे हमारे बच्चों को मारने की कोशिश करते हैं, लेकिन रास्ते में, अपने ही बच्चों को मार देते हैं। अंतर्राष्ट्रीय दुष्प्रचार तंत्र तुरंत इजराइल पर आरोप लगाता है। यह वास्तव में एक है दुख की बात है कि दुनिया भर में कई लोग उनके साथ दे रहे हैं। लेकिन, हमारी तकनीकी दुनिया में, सब कुछ प्रलेखित है, और हमारे पास स्पष्ट सबूत हैं कि यह एक फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद रॉकेट था।
इजरायली राजदूत ने कहा कि फिलिस्तीनी आतंकवादी और उनके सहयोगी तुरंत पीड़ित कार्ड निकाल लेते हैं। कायरतापूर्ण हत्या, अपहरण और असहाय इजरायली नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार करने के बाद, वे इजरायली फौज का सामना करने से डरते हैं। वे हमें कार्रवाई से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन हमें यह सुनिश्चित करने से कोई नहीं रोक सकता कि ये हत्यारे अपने अत्याचारों को अब कभी दोहरा नहीं पाएंगे। New Delhi
गिलोन ने कहा कि हमास को अपहृत इजरायली एवं विदेशी नागरिकों को रिहा करना चाहिए और अपनी आबादी के पीछे छिपना बंद कर, सामने से इजरायली फौज का मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने भारतीय मीडिया के उपयोग और मूल्यांकन के लिए दो वीडियो साझा किये। पहला अल जजीरा वीडियो है जिसे मंगलवार को ठीक 18:59 बजे पीआईजे रॉकेट विफलता का दस्तावेजीकरण करते हुए लाइव शूट किया गया था। गाजा पर विस्फोट पर ध्यान दें। आईडीएफ आयरन डोम, प्रक्षेप पथ के कारण गाजा पर अवरोधन नहीं करता है। रॉकेट स्पष्ट रूप से दो भागों में विभाजित हो गया है। सबसे पहले ढांचा गिरा जिससे प्रणोदक में मामूली विस्फोट हुआ, दूसरे वारहेड के अस्पताल के मैदान में गिरने से विस्फोट हुआ और आग लग गई, जैसा कि फिलिस्तीनी वारहेड में होता है।
इजरायली फौज का दूसरा वीडियो अस्पताल की इमेजिंग दिखाता है। यह अस्पताल के पार्किंग स्थल और जली हुई कारों पर हुए हमले की तस्वीर दशार्ता है। यह कोई गड्ढा भी नहीं दिखाता है जो इजरायली हथियार के कारण बना है। वीडियो के अंत में ऐसे क्रेटर (गड्ढा) का एक उदाहरण है और संलग्न फोटो में अस्पताल के पार्किंग स्थल की तुलना आईडीएफ आयुध क्रेटर से की गई है। इजरायली दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि हमले के चंद क्षणों में ही हमास ने यह खबर फैला दी और कुछ ही मिनटों में दावा किया कि सैकड़ों (करीब 500) लोगों की हत्या कर दी गई और उन्हें जला दिया गया। इन आंकड़ों को निश्चितता के साथ व्यक्त करने में आम तौर पर अधिक समय लगता है। हम 12 दिनों के बाद भी सात अक्टूबर हमले से मृतकों की संख्या की पहचान और समेकित कर रहे हैं। इस प्रकार हमास का बयान संदेहास्पद है और संभवत: पूरी तरह से मनगढ़ंत है। New Delhi
यह भी पढ़ें:– टिकट मिली तो होगा आखिरी चुनाव : विनोद कुमार