मामला दर्ज, जांच जारी, नहीं हुई कोई गिरफ्तारी
मानसा (सुखजीत मान)। पुलिस में भर्ती करवाने के नाम पर जिले के अलग -अलग गांवों के बेरोजगारों से कथित तौर पर लाखों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। ठगी के शिकार हुए व्यक्तियों ने अलग -अलग थानों में शिकायतें दर्ज करवा कर ठगी मारने वालों खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। ठगी के मामलों में नामजद व्यक्ति अभी तक पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं।
थाना कोटधरमू में दर्ज हुए मुकदमा नंबर 48 में शिकायतकर्ता गुरसेवक सिंह पुत्र चन्नण सिंह निवासी टांडिया ने बताया कि उसका भांजा बलविन्द्र सिंह पुत्र गुरजंट सिंह निवासी चोटियां जो बी.ए. कर रहा है, ने पंजाब पुलिस में भर्ती होने के लिए वर्ष 2016 में फार्म भरे थे।
इसी दौरान उन्हें पता चला कि जसविन्द्र सिंह निवासी टांडियां ने भर्ती संबंधी पैसों की बातचीत सतीश कुमार पुत्र कृष्ण चंद निवासी सिरसा के साथ की हुई है, जिस के अंतर्गत जसविन्द्र सिंह ने उनको अपने झांसे में फसा लिया और उसके भांजे बलविन्द्र सिंह से पुलिस भर्ती के नाम पर तीन लाख रूपये ठग लिए।
दो सगी बहनें भी लाखों रूपयचे की ठगी का शिकार हुई
पुलिस ने गुरसेवक सिंह के बयान के आधार पर सतीश कुमार पुत्र कृष्ण चंद निवासी सिरसा और जसविन्द्र सिंह पुत्र रणजीत सिंह निवासी टांडियां के खिलाफ मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी तरह उक्त व्यक्तियों के झांसे में आ कर ही टांडियां निवासी दो सगी बहनें भी लाखों रूपयचे की ठगी का शिकार हुई हैं।
मानसा के थाना सिटी -1में दर्ज करवाई शिकायत मेें तित्तर सिंह पुत्र मेहर सिंह निवासी टांडियां ने बताया कि उसकी दो लड़कियां जसपाल कौर और चरनजीत कौर को पुलिस में भर्ती करवाने के लिए सतीश कुमार पुत्र कृष्ण चंद निवासी सिरसा और जसविन्द्र सिंह पुत्र रणजीत सिंह निवासी टांडियां ने मिलकर जाली दस्तावेज तैयार करके उस के साथ ढाई लाख रुपए की ठगी की है।
पुलिस ने तित्तर सिंह के बयानों पर उक्त दोनों व्यक्तियों खिलाफ धोखाधड़ी के मामला दर्ज कर लिया है।
जाली नियुक्ति पत्र दे कर वसूले थे पैसे
कुछ दिन पहले इस मामाले के साथ संबंधित कुछ अन्य पीडितों ने जिला पुलिस प्रमुख परमवीर सिंह परमार को शिकायत देने मौके बताया था कि सतीश कुमार ने उनको चंडीगढ़ बुला कर पैसे लिए और खुद ही वैरीफिकेशन का जाली फार्म तैयार करके भरा गया। उसके बाद उसने डीजीपी पंजाब के लोगो वाला जाली नियुक्ति पत्र भेज दिया परन्तु जब उन को विभाग ने ज्वाइंन ना करवाया तो उन को इस ठगी का अहसास हुआ।
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