टूटने से बच गए 167 पति-पत्नी के रिश्तों की डोर

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यमुनानगर जिले की डीपीपीओ अरविन्द्रजीत कौर के नेतृत्व में सुलझाएं गए मामले (Domestic violence cases)

  • गत एक वर्ष में घरेलू हिंसा के 344 मामले आए सामने

  • 177 मामलों पर स्थिति मिली गंभीर मामले, कोर्ट के संज्ञान में

सच कहूँ/लाजपतराय यमुनानगर। महिला थाना में स्थित स्पेशल सेल फॉर वुमेन एंड चाइल्ड में जनवरी-2020 से लेकर जनवरी-2021 तक 344 घरेलू हिंसा की शिकायतें सामने आई। जिन पर डिस्ट्रिक्ट प्रोटेक्शन आॅफिसर कम चाइल्ड मैरिज प्रोबेशन आॅफिसर अरविन्द्रजीत कौर के नेतृत्व में स्पेशल सेल की टीम द्वारा तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की गई। टीम द्वारा 344 में से 167 पीड़ित महिलाओं के घर टूटने से बचाएं गए, इसके अतिरिक्त 177 मामलों में स्थिति गंभीर पाई गई, यह मामले अभी कोर्ट के संज्ञान में है। डीपीपीओ अरविन्द्रजीत कौर ने बताया कि जिले में हर दिन घरेलू हिंसा का एक नया मामला महिला थाने तक पहुंच रहा हैै। यह स्थिति अति गंभीर है। गत एक वर्ष में जो घरेलू हिंसा के मामले सामने आए है वे गत वर्षों की अपेक्षा बहुत कम है।

महिलाओं से अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की अपील

अरविन्द्रजीत कौर ने बताया कि घरेलू हिंसा अधिनियम का निर्माण 2005 में किया गया और 26 अक्टूबर 2006 से इसे देश में लागू किया गया। इसका मकसद घरेलू रिश्तों में हिंसा झेल रहीं महिलाओं को तत्काल और आपातकालीन राहत पहुंचाना है। यह कानून महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाता है। केवल भारत में ही लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं किसी न किसी रूप में इसकी शिकार हैं। यह भारत में पहला ऐसा कानून है जो महिलाओं को अपने घर में रहने का अधिकार देता है। घरेलू हिंसा विरोधी कानून के तहत पत्नी या फिर बिना विवाह किसी पुरुष के साथ रह रही महिला मारपीट, यौन शोषण, आर्थिक शोषण या फिर अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल की परिस्थिति में कार्रवाई कर सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसी महिलाएं घरों में घुट घुट कर ना जिएं, हिंसा मुक्त घर हर महिला का अधिकार है।

घर में रहने का अधिकार देने वाला एक मात्र कानून

अरविन्द्रजीत कौर ने कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 एक मात्र ऐसा कानून है तो महिला को घर में रहने का अधिकार देता है। जिसके तहत उनकी टीम द्वारा गत एक वर्ष में 167 पीड़ित युवतियों का घर बसाया गया है। कुछ मामलों में तो कोर्ट की सहायता भी ली गई। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता घरों को तोड़ने की बजाये घर बसाने की रहती है। इसी के चलते उनकी टीम के सहयोग से पीड़ित महिलाओं के वापिस घर बसाएं गए। समय-समय पर ऐसे लोगों पर उनकी टीम द्वारा नजर भी रखी जाती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को कभी भी किसी भी हालत में अपना घर नहीं छोड़ना चाहिए।

महिला हेल्पलाइन 1091 पर दें सूचना

टीम इंचार्ज डीपीपीओ अरविन्द्रजीत कौर ने कहा कि अगर कोई भी किसी को अपने आस-पास घरेलु हिंसा का शिकार होते देखे तो इसकी सूचना 97299-90159 पर या फिर महिला हेल्पलाइन 1091 पर भी दें सकते है। उन्होंने कहा कि सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।

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