समस्या: केबल के रोजगार में छोटे नेटवर्कों के’अच्छे दिनों’ की बंधी आस
- बेरोजगार नौजवान यह काम शुरू करने के इच्छुक हैं परंतु पहले जैसा घटित न हो यह गारंटी होनी चाहिए: आॅप्रेटर
भटिंडा (अशोक)। पंजाब में केबल नेटवर्क कारोबार में से अजारेदारी…. खत्म करने के लिए पंजाब सरकार की ओर से की जा रही पहल के कारण छोटे उद्यमियों के अच्छे दिनों की आशा बंधी है। शुक्रवार को स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से लिए स्टैंड के बाद तो काफी समय से निराश चल रहे इन लोगों के हौसले बुलंद हो गए हैं।
माना जा रहा है कि 19 अप्रैल को वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल की ओर से कानूनी रुतबे वाली एक केबल नैटवर्क अथॉरिटी बनाने की तजवीज संबंधी दिए बयान ने रंग लाना शुरू कर दिया है। कहा गया था कि यह अथॉरिटी प्रदेश में केबल नैटवर्क का कार्य करने के लिए नियम और शर्तें तय करेगी।
पंजाब में बड़े केबल कारोबार में एकाधिकारी
सूत्रों के अनुसार सरकार ने इस बारे में सुझाव लेने के लिए केबल कारोबार के विशेषज्ञों और इसके साथ जुड़े अन्य लोगों तक पहुंच की है। वित्त मंत्री ने कहा था कि ‘पंजाब में लम्बे समय केबल नैटवर्क कारोबार में दूसरे को दाखिल होने से रोकने के लिए ताकत का प्रयोग किया गया है जिस पर सरकार रोक लगाएगी।
विवरणों के मुताबिक जब पंजाब में केबल कारोबार पर अजारेदारी स्थापित हुआ था तो बड़े केबल कारोबारियों ने बड़ी संख्या केबल आॅपरेटर रगड़ दिए थे, जो आत्म समर्पण कर गए उनको स्थानीय स्तर पर काम मिलता रहा। जिन्होंने आनाकानी की उनको इसकी क्षतिपूर्ति भी भुगतनी पड़ी है। उसके बाद में छोटे केबल आॅपरेटर वित्तीय संकट में ऐसे फंसे कि बहुतों से मनोरंजन कर उतारा नहीं जा सका।
पता लगा है कि काफी केबल आॅपरेटरों ने विभाग को हल्फिया बयान भी दे दिए हैं कि उनका धंधा बंद हो गया है। जब से पंजाब में बड़े केबल कारोबार में एकाधिकारी.. हुई है, तब से चंद लोगों ने छोटे केबल अपरेटर कारोबार में से बाहर आना शुरू कर दिया। इन केबल आॅपरेटरों के साथ हजारों परिवार पल रहे थे, जबकि धंधा बंद होने के बाद खुद बेरोजगार हो गए।
सिद्धू की ओर से केबल पर शिकंजा
शुक्रवार को केबल कारोबार संबंधी दिए बयान के बाद में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अब केबल नैटवर्क चलाने वालों पर शिकंजा कस दिया है श्री सिद्धू ने समूह नगर निगमों,नगर कौंसिलों और स्थानीय निकाय विभागों व आधिकारियों को आदेश दिए हैं कि वह केबल चलाने वाले लोगों की ओर से विभाग की संपत्ति के किए जा रहे
दुरुपयोग को रोकने इस संबंधित नगर निगम कमिश्नर संयम अग्रवाल ने संपर्क करने पर फोन नहीं उठाया जबकि एक और अधिकारी का कहना था कि उनको इस बारे में जानकारी मिली है परंतु अभी कोई पत्र वगैरा नहीं आया है। उन्होंने कहा कि सरकार के आदेशों को सख्ती के साथ लागू करवाया जाएगा और नियमों का उल्लंघन नहीं करने दिया जाएगा।
सरकार पुरानी जकड़ तोड़ने के वायदे पर कितना पहरा देती है
रोचक तथ्य है कि स्थानीय स्तर की केबल सेवा सस्ती पड़ती थी जबकि मनापली सेवाओं काफी महंगी होने लगी थी। केबल कारोबार के साथ जुड़े रहे पुराने आॅपरेटर ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार की सोच हां समर्थकी है परंतु यह नयी सरकार पुरानी जकड़ तोड़ने के वायदे पर कितना पहरा देती है,
उनका अगला कदम इस बात पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या बेरोजगार नौजवान यह काम शुरू करने के इच्छुक हैं परन्तु पहले वाला व्यवहार फिर न घटे हो यह गारंटी होनी चाहिए। नकारी के अनुसार मालवा के ज्यादातर शहरों और कस्बों में बेरोजगार नौजवानों की ओर से अपनी अपना केबल नैटवर्क चलाया हुआ था।
जिला भटिंडा के कस्बा भगता भाई, रामपुरा फूल, रामा मंडी, तलवंडी साबो और मौड़ मंडी आदि में तो इन नौजवान ने उन दिनों में उपभोक्ताओं को पेड चैनल मुहैया करवाकरअपनी सेवा का गांव की तरफ विस्तार करना शुरू किया था कि इन पर कथित राजनैतिक सरप्रस्ती वाली अजारेदारी ऐसी बिजली बन कर गिरी कि उनका कारोबार बर्बाद हो गया।
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