जींद (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के आह्वान पर शुक्रवार को सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक सुबह दो घंटे की हड़ताल पर चले गए। चिकित्सक समय पर अस्पताल जरूर पहुंचे, लेकिन ओपीडी में जाने के बजाए अस्पताल के बाहर धरना देकर बैठ गए। चिकित्सकों ने नारेबाजी कर वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों(एसएमओ) की सीधी भर्ती करने पर रोष जताया। वहीं मरीज चिकित्सकों के कमरों की चक्कर लगा कर परेशान होते रहे। वहीं इसी कड़ी में यहां भी सरकारी चिक्तिसक दो घंटे की हडताल पर रहे। इस दौरान चिक्तिसकों ने जहां ओपीडी का बहिष्कार किया वहीं आपात सेवाओं तथा पोस्टमार्टम कार्रवाई सुचारू रखी। दो घंटे के बाद चिक्तिसकों ने अपनी हडताल समाप्त कर मरीजों को देखना शुरू किया।
क्या है मामला
एसोसिएशन के उपप्रधान डा. रघुवीर पूनिया, सचिव डा. अरूण, सहसचिव डा. राजेश भोला ने कहा कि स्वास्थय विभाग एसएमओ की सीधी भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है जिससे स्वास्थय विभाग में सालों से काम कर रहे चिक्तिसकों के पदोन्नति के रास्ते न के बराबर रह जाएंगे और यह उनके हितों पर कुठाराघात भी है। अगर विभाग में एसएमओ के पद रिक्त है तों इन्हे पदोन्नति आधार पर भरा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग पर वेतनमान मामले में सोतेला व्यवहार करने का आारोप लगाया। वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वेतनमान की मांग मान ली थी लेकिन आज तक इसे लागू नहीं किया है। सरकारी चिक्तिसकों को एसीपी इस समय पांच, 10, 15 वर्ष के अंतराल पर मिल रही है जोकि चार, नौ, 13 और 15 वर्ष पर मिलनी चाहिए। इन्होंने कहा कि अगर शीघ्र ही उनकी मांगें को पूरी नहीं की गईं तो वे भविष्य में इससे भी ठोस कदम उठाने को मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेवारी स्वास्थ्य विभाग की होगी।
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