परिवार पहचान पत्र बना कड़ी, पहले दिन बनी 223 की बुढ़ापा पेंशन
करनाल (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा में अब कई योजनाओं और स्कीमों का फायदा (Benefits of the Schemes) उठाने के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। परिवार पहचान पत्र ही काफी होगा। इसकी शुरूआत वीरवार को करनाल जिले से हुई है। प्रशासन ने सरकार की नई व्यवस्था को वीरवार से लागू कर दिया है। अब परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के माध्यम से घर बैठे स्कीम का लाभ मिलेगा। पहले दिन 25 पात्रों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए और 223 पात्रों की बुढ़ापा पेंशन बनाई गई। इसके साथ ही पात्र व्यक्तियों को पशुपालन के लिए ऋण, आयुष्मान कार्ड, जाति प्रमाण पत्र तथा वृद्धावस्था सम्मान भत्ता (बुढ़ापा पेंशन) के स्वीकृति पत्र वितरित किए गए।
डीसी अनीश यादव ने बताया कि परिवार पहचान पत्र के माध्यम से ऑटोमेटिक सर्विस के लाभ (Benefits of the Schemes) दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान मेले के माध्यम से 25 लोगों को पशुओं के लिए लोन दिया गया है। जिले के 223 पात्रों को बुढ़ापा पेंशन का लाभार्थी बनाया गया है। ये सब बिना आवेदन के प्रक्रिया को पूरा किया गया। आयुष्मान कार्ड की सुविधा के लिए 25 लोगों को चुना है। जाति वेरिफिकेशन सभी गांवों की पूरी हो गई है। किसी भी व्यक्ति को जाति प्रमाण पत्र बनवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कार्यक्रम में उपायुक्त ने पशुपालन के लिए करीब 25 लाभार्थियों को बैंकों की ओर से स्वीकृत किए गए ऋण पत्रों को वितरित किया।
इनमें बड़ागांव से सोनी रानी, गोंदर से सरिता रानी, सविता, किरण देवी, नरेश, उषा रानी व बजिन्द्र सिंह, अरड़ाना से सीमा देवी, सांभली से गुरविन्द्र सिंह व रेखा, बांसा से प्रवीण कुमार, वार्ड नम्बर 5 से पुष्पा, गगसीना से प्रदीप सिंह, कुराली से शांति देवी, रूकसाना से मंजीत, बड़ागांव से नीतू, डाचर से छोटे लाल, सिंगड़ा से भागवंती व रूबी देवी, तिखाना पार्ट से सुनीता, समानाबाहू से सोना देवी, गोरगढ़ से किताबो देवी, बड़थल से माफी देवी, काछवा से सुनीता देवी व ऊंचा समाना से अशोक कुमार के नाम शामिल हैं।
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