Heart Attack: समाज में रहते हुए आप कई हार्ट अटैक के ऐसे मामले देखते होंगे, जहां सामान्य लोग भी दिल का दौरा पड़ने से अचानक मौत के मुंह में चले जाते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि उन्हें बचाया जा सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आपकी ढाई मिनट की एक कोशिश हार्ट के पेशेंट की जिंदगी बचा सकती है। क्योंकि हार्ट अटैक पड़ने पर शुरूआती ढाई मिनट काफी अहम होते हैं। अगर इस दौरान आपने ये कुछ खास टिप्स अपना लिए तो दिल का दौरा पड़ने पर जान जाने का जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है।
एक हेल्थकेयर के अनुसार भारत में दिल का दौरा पड़ने पर 10 में से 5 लोग ऐसे हैं जो हॉस्पिटल ही नहीं पहुंच पाते और जो लोग समय पर अस्पताल पहुंच गए, उन्हें इलाज मिल जाता है। पर ऐसे लोग जिनका तुंरत अस्पताल पहुंच पाना संभव नहीं हो पाता, उनकी जान बचाने के लिए कुछ खास सावधानियां बरती जा सकती हैं।
ये सावधानियां जरूरी | Heart Attack
हेल्थकेयर के अनुसार अगर किसी को दिल की बीमारी है तो आपको अपने पास हमेशा Sorbitrate टैबलेट रखनी पड़ेगी। अगर किसी को दिल का दौरा पड़ता है और आप उसके नजदीक हैं तो उसे जितनी जल्दी हो सके एक Sorbitrate टैबलेट दे दें। आपको इस टैबलेट को जीभ के नीचे रखना होगा, इससे क्या होगा कि आपके दिल की काम करने की क्षमता करीब 10 फीसदी तक बढ़ जाएगी। बता दें कि दिल के मरीजों या हाई बीपी वाले मरीजों को इमरजेंसी के लिए यह दवा हमेशा अपने पास रखना चाहिए। किसी को भी इसकी जरूरत पड़ सकती है।
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दौरा पड़ने के शुरूआती ढाई मिनट बहुत अहम | Heart Attack
कोई भी दिल का मरीज अगर आपके आसपास अचानक से बेहोश हो जाता है, तो सबसे पहले उसकी पल्स चेक करें, अगर पल्स नहीं मिल रही तो आप मान लें कि उसे दिल का दौरा पड़ा है। ऐसे में आपके पास दो से ढाई मिनट बहुत ही अहम होंगे। इसी समय में आपको उसके हार्ट को रिवाइव करना बहुत जरूरी होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया तो आॅक्सीजन की कमी के चलते उसका ब्रेन डैमेज हो सकता है। अगर कहीं ऐसा होता है तो हार्ट अटैक आने पर तुरंत सीने पर जोर का मुक्का मारें। हार्ट पेशेंट के सीने पर हर 5 सेकेंड के गैप में जोर से मुक्का मारते रहें, जब तक उसे होश नहीं आ जाता है। इससे उसका दिल फिर से काम करना शुरू कर देगा और उसे होश आने पर तुंरत अस्पताल में भर्ती करा दें।
ये हैं हार्ट अटैक के लक्षण
हार्ट अटैक की स्थिति में सीने में दर्द होगा, सांस लेने में तकलीफ होगी, पसीना आएगा या बैचेनी होगी, घबराहट महसूस हो सकती है आदि दिल का दौरा पड़ने के प्रमुख लक्षण हैं। अगर कोई डायबिटीज या ब्लड प्रेशर का मरीज है या कोई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से ग्रसित है तो उसे अपने दिल का विशेष खयाल रखना चाहिए। साथ ही कोई पहले से जल्दी थकने लगे, सीढ़ियां चढ़ने या कोई फिजिकल एक्टिविटी करने में जल्दी थकान होने लगे तो उसे जल्द ही डॉक्टर के पास जाकर अपनी जांच करानी चाहिए।
नियमित दिनचर्या में करें ये बदलाव
दिल की बीमारी या हाई बीपी के मरीजों को अपनी नियमित दिनचर्या में कुछ चेंजिंग करने पड़ेंगे ताकि वे हमेशा हेल्दी रह सकें। उसके लिए बताया जा रहा है कि बीपी के रोगियों को बहुत ज्यादा नमक नहीं खाना चाहिए। हाई बीपी के मरीजों को दिन भर में केवल दो-तिहाई नमक ही काफी होता है। बता दें कि अगर नमक को सीमित मात्रा में खाया जाए तो हाई बीपी को काफी हद तक कंट्रोल रखा जा सकता है। मांस-मीट खाने वालों को अपनी आदत को छोड़ना पड़ेगा। क्योंकि इसे खाने से हाई बीपी की समस्या बढ़ जाती है। हाई बीपी के मरीजों को ज्यादा शुगर खाना खतरे से खाली नहीं माना जाता। इसलिए ऐसे मरीजों को नमक के साथ-साथ ज्यादा चीनी खाने से भी परहेज करना चाहिए।
ऐसे मरीजों को बाहरी जंकफूड, फास्ट फूड और दूसरी चीजें खाने से गुरेज करना चाहिए। क्योंकि इन चीजों से मोटापा बढ़ता है, मोटापे में हाई बीपी और तमाम अन्य बड़ी बीमारियों होने का खतरा बढ़ जाता है। हार्ट एवं बीपी के मरीजों को नियमित रूप से वर्कआउट करते रहना चाहिए ताकि उनका वजन न बढ़े और शरीर फिट रहे। ऐसे लोगों को योग और मेडिटेशन अवश्य करना चाहिए ताकि उनका चित्त शांत व स्वस्थ रहे और वे तनाव से बचे रहें। ऐसे मरीज अगर हाई बीपी की कोई दवा ले रहे हैं, तो उन्हें उसे नियमित रूप से लेते रहना चाहिए।
नोट : लेख में बताई गई जानकारी सामान्य जानकारी के लिए है इसे किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं माना जा सकता। ज्यादा जानकारी के लिए अपने नजदीकी डॉक्टर या एक्सपर्ट से संपर्क जरूर करें।