नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। गंगा की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण, इसमें पर्यावरणीय सुधार, संरक्षण और पुनर्जीवन के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। आधिकारिक सूचना के अनुसार राष्ट्रीय गंगा सफाई मिशन-एनएमसीजी के महानिदेशक की अध्यक्षता में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन- एनएमसीजी की 60वीं कार्यकारी समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसका उद्देश्य स्वच्छता को बढ़ाना, सतत विकास को बढ़ावा देना और नदी के पर्यावरणीय और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना है।
सूचना के अनुसार प्रदूषण से निपटने की दिशा में समिति ने 274.31 करोड़ की लागत से दुर्गा ड्रेन के अवरोधन, रूट बदलने और वाराणसी में 60 एमएलडी क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण को मंजूरी दी है। हाइब्रिड वार्षिकी मॉडल पर आधारित इस परियोजना में 75 एमएलडी क्षमता का मुख्य पंपिंग स्टेशन और अन्य आवश्यक संरचनाएं शामिल हैं, जो दीर्घकालिक अपशिष्ट जल प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण सुनिश्चित करती हैं। इसके अतिरिक्त, भदोही में गंगा की प्रमुख सहायक नदी वरुणा में अनुपचारित सीवेज के प्रवाह को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना को मंजूरी दी गई। इसके तहत 127.26 करोड़ के निवेश से 17, 5 और 3 एमएलडी की क्षमता वाले तीन एसटीपी स्थापित करने के साथ ही चार प्रमुख नालों को टैप करने और प्रदूषण रोकने के लिए व्यापक सीवर नेटवर्क भी स्थापित करेगी। यह परियोजना डिजाइन-निर्माण संचालन ट्रांसफर-डीबीओटी मॉडल का अनुसरण करती है, जो अगले 15 वर्षों में टिकाऊ संचालन और रखरखाव सुनिश्चित करती है।