माता रेशमा मोंगा इन्सां बनी शरीरदानी, मेडिकल छात्र करेंगे शोध
सच कहूँ/विनोद शर्मा, फतेहाबाद। लेकर कहां कुछ वापिस जाना, ये शरीर भी दान (Body Donation) है…। डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी अमर सेवा मुहिम के तहत इस वाक्य को वास्तविक अर्थों में चरितार्थ कर रहे हैं। इसी के अंतर्गत रविवार को माता रेशमा मोंगा पत्नी मुरारी मोंगा का नाम भी देहदानियों की सूची में शामिल हो गया। उनके मृत शरीर को शिव शक्ति आयुर्वेदिक भिखी मानसा को दान किया गया। शव यात्रा शहर के प्रमुख मार्र्गों से निकाली गई।
मौजूद लोगों एवं साध-संगत ने विनती का शब्द बोलकर शव यात्रा को रवाना किया। इस मौके पर परिजनों ने उनकी आंखें भी दान की हैं। जो आंखें अंधेरी जिंदगियों को रोशन करेंगी। रेशमा देवी शहरी भंगी दास कपिल ग्रोवर की सासू थी। शहरी भंगीदास कपिल ने बताया कि शरीरदानी नामित नामचर्चा मंगलवार 22 तारीख को अरोडवंश धर्मशाला में 12:00 से 1:00 बजे तक होगी।
इस अवसर पर सचखंडवासी के परिजनों, लक्ष्मण अरोड़ा, जिम्मेवार कपिल नारंग, कपिल ग्रोवर, भजन, अंकित, राम सरदाना, जयगोपाल, भजन, हेमंत, सुभाष सैनी, नीलम, मंजू, सरोज, सुमन,, ललिता, सुदेश, मोहर सिंह, सुखदेव, गोकुल, राजकुमार, चौखेलाल, परषोतम धमीजा, जगदीश, श्याम लाल, मंगत, जयगोपाल एं शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार भाई-बहन मौजूद रहे।
रेशमा मोंगा अमर रहे के गगनभेदी नारे लगाकर दी अंतिम विदाई
रेशमा मोंगा इन्सां निवासी इंद्रपुरा मोहल्ला वाल्मीकि चौक रविवार अपनी सांसारिक यात्रा पूरी कर कुल मालिक के चरणों में सचखंड जा विराजी। जिसके पश्चात स्वजन ने ब्लॉक के जिम्मेवारों से संपर्क करके उनका शरीरदान (Body Donation) करने की इच्छा व्यक्त की। कमेटी और परिजनों की सहमति के बाद माता रेशमा देवी का शरीर दान किया गया।
इससे पूर्व सचखंड वासी के आवास से धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा का इलाही नारा व अरदास का शब्द बोलकर माता रेशमा मोंगा का शव फूलों से सजी एंबुलेंस में रखा गया। इसके पश्चात उपस्थित शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के सेवादार बहन-भाइयों ने शरीरदानी माता रेशमा मोंगा अमर रहे के गगनभेदी नारे लगाते हुए उन्हें अंतिम विदाई दी।
बेटी व पुत्रवधुओं ने दिया अर्थी को कंधा
ब्लॉक जिम्मेवार लक्ष्मण अरोड़ा ने बताया कि डेरा सच्चा सौदा की बेटा-बेटी एक समान मुहिम का अनुसरण करते हुए सचखंडवासी की पुत्री रीटा पत्नी कपिल ग्रोवर, मोना पत्नी विश्वकांत, पुत्रवधू रीटा पत्नी रिंकू द्वारा माता रेशमा मोंगा इन्सां की अर्थी को कंधा दिया गया। इस पहल को गली व मोहल्लावासियों ने समाज में बदलाव के लिए अनुकरणीय मिसाल बताया। ब्लॉक जिम्मेवार अरोड़ा ने बताया कि फतेहाबाद में साध-संगत अब तक 25 शरीनदान कर चुकी है। उन्होंने बताया कि साध-संगत हमेशा ही मानवता भलाई कार्योँ में अग्रणी रहती है।
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