त्रिपुरा में महिलाओं को प्रशिक्षण के साथ दे रही रोजगार के अवसर

कौशल विकास ने लवली बरूआ को बनाया हुनरमंद

  • सूरजकुंड मेले में बांस और हथकरघा उत्पादों का कर रही शानदार प्रदर्शन

सूरजकुंड/फरीदाबाद (सच कहूँ/राजेंद्र दहिया)। आजादी अमृत महोत्सव की श्रृंखला में केंद्र सरकार द्वारा कला और संस्कृति को बढ़ावा देने की पहल से जुड़ी सफलता की बानगी इन दिनों सूरजकुंड में चल रहे 36वें अंतरराष्ट्रीय हस्त शिल्प मेला में देखने को मिल रही है। मेला में नार्थ ईस्ट राज्यों की भागीदारी के चलते त्रिपुरा राज्य के कला शिल्पकार अपने बांस और हथकरघा उत्पादों की बेहतरीन बानगी प्रस्तुत कर रहे हैं, इनमें हथकरघा कला को बढ़ावा दे रही लवली बरूआ भी एक हैं, जोकि मेला परिसर में त्रिपुरा पेवीलियन में अपने उत्पादों का बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं, उनके हथकरघा और महिलाओं की साज सज्जा से जुड़े आकर्षक उत्पाद पर्यटकों को खासे लुभा रहे हैं, हालांकि इन स्टालों पर उपलब्ध आईटम्स की कीमत ज्यादा नहीं होने के कारण मेला देखने आए पर्यटक जमकर खरीदारी रहे हैं।

लघु हथकरघा उद्योग को मिल रहा बढ़ावा

नार्थ ईस्ट हस्त कला एवं हथकरघा विकास निगम के सहयोग से मेला परिसर में स्टाल चला रही लवली बरूआ कहती हैं कि बचपन से ही उनकी कला में विशेष रूचि रही है, जिसके चलते उन्होंने छोटी आयु में ही बुनाई व कढ़ाई करना सीखा और बाद में उसे व्यवसाय के रूप में अपनाया। लवली बताती हैं कि वे स्वयं सहायता समूहों के जरिए इन उत्पादों को तैयार करवाकर बाजार में आॅर्डर अनुसार बिक्री के लिए भेज रही हैं। उनका कहना है कि सरकार के सहयोग से लगातार हस्त शिल्प सहित अन्य कलाओं को बढ़ावा मिल रहा है, किसी भी क्षेत्र में कला में निपुण लोगों को सरकार के कौशल विकास कार्यक्रम का पूरा फायदा मिल रहा है। आज उनके पास एक साथ कई स्वयं सहायता समुह हैं, जिनके माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही हैं।

बांस की बोतल, योगा मैट और बेंबू बैग की खास डिमांड

लवली बरूआ बताती हैं कि उनके यहां त्रिपुरा पवेलियन में एक साथ आठ स्टालों पर बांस से बने आधुनिक प्रोडेक्टस, महिलाओं के बैग, घरेलू सामान प्रदर्शित किए गए हैं। इन स्टालों पर दिनभर महिलाओं का खरीदारी के लिए जमावड़ा लगा रहता है। खरीदारी के साथ ही विशेषकर महिलाएं हथकरघा उत्पादों के बारे में रूचि लेकर जानकारी भी ले रही हैं। उनकी भी यही सोच है कि वे अपने उत्पादों की बिक्री के साथ-साथ दूसरी महिलाओं के लिए प्ररेणास्त्रोत बने। उनकी स्टाल पर बेंबू बैग और बांस की बोतल, योगा मैटस, महिला परिधानों की खास डिमांड है, जोकि आधुनिकता के दौर में महिलाओं की पहली पसंद बनी हुई हैं।

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