चेन्नई (एजेंसी)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के शोधार्थियों ने कर्नाटक में बेल्लारी के इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोटर्स (आईआईएस) के साथ साझेदारी में प्रभावी कीमत और आधुनिक मुक्केबाजी विश्लेषण सॉफ्टवेयर विकसित करेगा जो कि 2024 ओलम्पिक में भारत के पदक बढ़ायेगा। ‘स्मार्टबॉक्सर’ नाम का यह एक प्रभावी लागत का विश्लेषणात्मक मंच है। यह पहनने योग्य सेंसर और वीडियो कैमरों का उपयोग मुक्केबाजों के प्रदर्शन मूल्यांकन के चार प्रमुख लक्षणों पर करेगा जिनका मूल्यांकन मुक्केबाजी में स्कोरिंग के लिए किया जाता है।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) पहनने योग्य सेंसर और वीडियो कैमरों का उपयोग करके प्रतिक्रिया और प्रदर्शन आकलन प्रदान करेगा। आईआईएस में मुक्केबाजों के प्रदर्शन का विश्लेषण करने के लिए ‘स्मार्टबॉक्सर’ को लगाया जाएगा। आईआईटी-एम की एक विज्ञप्ति में आज कहा गया कि आईआईएस से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर बदलावों को ‘स्मार्ट बॉक्सर’ विश्लेषात्मक मंच में शामिल किया जाएगा। इस सॉफ्टवेयर का उपयोग प्रशिक्षकों और मुक्केबाजों को प्रभावी ढंग से सहायता करेगा।
आईआईटी मद्रास में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर स्पोर्ट्स साइंस एंड एनालिटिक्स द्वारा बहु-संस्करण सॉफ्टवेयर के रूप में विकसित किया जा रहा स्मार्टबॉक्सर भारतीय एथलीटों को एक समान प्रतिस्पर्धा में बढ़त प्रदान करेगा। विज्ञप्ति के अनुसार इससे खेल संबंधी समस्याओं को सुलझाने और बेहतर खेल उपकरण डिजाइन करने में मदद मिलेगी। ‘स्मार्टबॉक्सर’ कैसे भारत को पदक तालिका में आगे बढ़ाएगा पर रोशनी डालते हुए सेंटर ऑफ एक्सीलेंसी फॉर स्पोटर्स साइंस एण्ड एनालिटिक्स आईआईटी-मद्रास के प्रमुख प्रोफेसर रंगनाथम श्रीनिवासन ने कहा कि इस तकनीकी का विकास प्रशिक्षक और एलीट एथलीट के बीच सेतु होगा जो कि उनको समझने , पहचानने और उनके प्रदर्शन में सुधार करने का काम करेगा।
क्या है मामला
उन्होंने कहा कि स्मार्टबॉक्सर आईआईटी मद्रास की अनेक पहलों में से एक है जिसका उद्देश्य ओलम्पिक में अधिक पदक जीतने के भारत सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की ओर है।
आईआईएस में युवा विकास (मुक्केबाजी) के प्रमुख जॉन वारबर्टन ने कहा कि यह प्रणाली हमें मुक्केबाजी के प्रदर्शन का आकलन करने की अनुमति देगी जिससे प्रगति में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह हमें मुक्केबाज की ताकत और खेलने के तरीके के साथ उन क्षेत्रों को उजागर करेगी जहां विकास की जरुरत , गतिविधि का स्तर , पंच और रक्षात्मक बचाव तकनीकी और चतुराई दोनों को उभारेगी। आईआईटी मद्रास में एप्लाइड मशीन विभाग में सहायक प्रोफेसर डा़ बाबजी श्रीनिवासन ने इस विश्लेषणात्मक प्लेटफार्म की अनूठी विशेषताओं के बारे में बताते हुए कहा कि यह प्रणाली बहुउद्देश्यीय आईओटी उपकरण और वीडियो के डाटा एकीकृत करता है।
इस डेटा से मिली जानकारी लड़ाई के विश्लेषण प्रदान करती है जो न केवल प्रशिक्षक को ही मदद करती है बल्कि मुक्केबाजी चैम्पियन के प्रमुख लक्षणों को निर्धारित करने में मदद भी कर सकती है। आईआईएस के साथ आईआईटी-मद्रास के शोधकर्ता आईआईएस से मान्यता के बाद इसके पेटेंट के लिए आवेदन करने की योजना बना रहे हैं।
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