लाखों अंधेरी जिंदगियों में शिक्षा का दीप जलाने के लिए थैंक्यू ‘इग्नू’

IGNOU
इग्नू के स्कूल ऑफ साइंसेज ने जुलाई 2023 प्रवेश चक्र में 4 एमएससी कार्यक्रमों की घोषणा की है।

1991 को स्थापित इग्नू का करनाल क्षेत्रीय केन्द्र आज बन चुका शिक्षा का विशाल वट वृक्ष

करनाल। (सच कहूँ/विजय शर्मा) गरीबी इंसान की सबसे बड़ी दुश्मन है, इस गरीबी से संघर्ष करते-करते एक दिन इंसान उम्र के उस पड़ाव पर आकर खड़ा हो जाता है, जहां उसके पास सबकुछ होते हुए भी कुछ नहीं होता। ये कड़वी सच्चाई है, गरीबी का जहर ऐसा है, जो इंसान को एक बार मौत नहीं देता, बल्कि हर दिन, हर पल मौत का एहसास करवाता है। और मेरा मानना है कि इस गरीबी को सिर्फ ओर सिर्फ शिक्षा की रोशनी से ही मिटाया जा सकता है। लेकिन ऐसे लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या तब आती जब शिक्षा का ज्ञान हासिल करने के लिए वक्त हाथ से निकल चुका होता है, और कहावत भी है कि अगर समय हाथ से निकल गया तो फिर वापिस नहीं आता, लेकिन इस कहावत को बदलने का काम किया है, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने। जिसने अपने कर्तव्य को पूरी ईमानदारी से निभाते हुए आज लाखों ऐसे उम्र दराज लोगों व वह मजबूरी वश अपराध व नशों की दलदल में फंसे उन नौजवानों तक शिक्षा का ज्ञान पहुंचाने का काम किया है, जो शायद बेहद कठिन व अंसभव कार्य था।

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नि:शुल्क शिक्षा

इग्नू क्षेत्रीय केंद्र करनाल के अंतर्गत पिछले 5 सालों की बात करें तो लगभग 61,545 एससी-एसटी विद्यार्थियों ने उच्च शिक्षा हासिल कर अपने सपनों को उड़ान दी है। इग्नू की इस पहल से इन हजारों विद्यार्थियों ने उच्च शिक्षा हासिल कर समाज की मुख्य धारा में जगह बनाने में सफलता हासिल की है।

ये हैं आंकड़ें

(साल)       (एससी-एसटी छात्र)
2017         5337   
2018         6955   
2019         9296   
2020         18861  
2021         21096 

कौशल एवं ज्ञान आधारित शिक्षा

जो लोग कौशल और ज्ञान आधारित शिक्षा लेना चाहते हैं, उनके लिए इग्नू उपयुक्त। इग्नू का उद्देश्य छात्रों का ज्ञान वर्धन कर उनके लिए उत्थान के समान अवसर उपलब्ध करवाना है। इग्नू रिमोट एरियाज, गांव देहात के छात्रोंतक गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पहुंचाने का कार्य कर रही है।

मुझे इस बात की प्रशन्नता है कि 1991 में स्थापित करनाल रीजनल सेंटर ऐसे लोगों तक शिक्षा पहुंचा रहा है, जहां तक शिक्षा पहुंचना असंभव था। इग्नू कौशल युक्त शिक्षा पहुंचाने का जो कार्य कर रहा वह सराहनीय है। पहले दूर-दराज के क्षेत्र में रहने वाले जिन छात्र छात्राओं को शिक्षा का मौका नहंी मिल पाता था, वे इग्नू के माध्यम से अपना भविष्य उज्ज्वल बना रहे हैं। इस प्रकार ये विश्वविद्यालय सार्वभौमिक शिक्षा प्रदान करने में कारगर भूमिका निभा रहा है।
-मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।

इग्नू का करनाल क्षेत्रीय केंन्द्र 1991 को मात्र 9 शिक्षार्थी केंद्रों और 3200 छात्रों के साथ शुरू हुआ था। आज यह 35 शिक्षार्थी केन्द्रों में, जिसमें 12 काराग्रह स्थित अध्ययन केन्द्र भी शामिल हैं, 99 हजार से भी अधिक छात्र अध्ययनरत हैं। जिसमें 70 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र व 30 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। इसके साथ ही 20 प्रतिशत अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के छात्रों को शि:शुल्क शिक्षा दी जा रही है।
-डॉ. धर्मपाल, प्रभारी, क्षेत्रीय निदेशक करनाल।

इग्नू की स्थापना संसद अधिनियम 1985 के अंतर्गत की गई है। अपनी उपलब्धियों के फल स्वरूप इग्नू को जनवरी 2021 में एनएएसी द्वारा ए++ की सर्व उत्कृष्ट रैकिंग से नवाजा जा चुका है। यहां अभी 35 लाख छात्र अध्ययनरत हैं और अब तक 36 लाख शिक्षार्थी डिग्री हासिल कर चुके हैं। इग्नू का विस्तृत परिवार 71 लाख शिक्षार्थी से परिपूर्ण है। छात्रों की संख्या के संदर्भ में इग्नू को विश्व का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय होने की ख्याति प्राप्त है।
-प्रो. नागेश्वर राव, वाइस चांसलर, इग्नू।

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