चंडीगढ़ (सच कहूँ/एमके शायना)। संत हमेशा सबका भला करने के लिए इस दुनिया में आते हैं। इस सृष्टि के सभी जीव,पशु, पक्षी, जानवर जो भी परमात्मा की औलाद हैं संतों उन्हें अपनी औलाद समझते हैं। संतों का एक ही उद्देश्य होता है सदीयों से बिछड़ी हुई रुहों को प्रभु से मिलवाना। संतों का मार्ग प्रेम का मार्ग होता है। वह अपनी मधुर वाणी से हर जीव का दुख दूर करते हैं और जन्म मरण के चक्कर से मुक्ति दिलवाने के लिए इंसान को राम नाम से जोड़ते हैं। संत पीर फकीर हर इंसान का भला करते हैं कभी अपने पाक वचनों से कभी आशीर्वाद से और कभी अपनी कृपा दृष्टि से। वह हमेशा अपने शिष्यों को रूहानी व दुनियावी रहमतों से मालामाल करते रहते हैं। जब एक शिष्य अपने गुरु के वचनों को पूर्ण रूप से मानता है तो गुरु उसकी झोली में वह खुशियां भी देता है जो उसके कर्मों में नहीं लिखी होती। पूज्य गुरु हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां अपनी सात करोड़ साध-संगत पर बहुत गर्व महसूस करते हैं जो मानवता भलाई के कार्य बढ़-चढ़कर कर रही है और समाज से देश से सभी बुराइयां खत्म करने की लगातार कोशिश कर रही है। पूज्य गुरुजी साध-संगत पर रहमतों की बारिश मूसलाधार कर रहे हैं। साध संगत की तड़प देखकर पूज्य गुरूजी 30 दिन की पैरोल के अंतर्गत बरनावा आश्रम में पधारे और साध संगत को अपने दर्श दीदार से निहाल कर दिया। वहां पूज्य गुरु जी ने सत्संगें करके लाखों लोगों की बुराइयां छुड़वाई, नशा छुड़वाया और उन्हें राम नाम से जोड़ा।
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हर इंसान की शंकाओं को दूर किया
पूज्य गुरु जी ने अपने पावन वचनों के माध्यम से हर इंसान की शंकाओं को दूर किया और उन्हें जीने का सही ढंग बताया। पूज्य गुरु जी के वचनों को ‘बरनावा डायरी’ के एपिसोड बनाकर साध संगत के रूबरू करवाया जाता है। इसी उपलक्ष में डेरा सच्चा सौदा के इंस्टाग्राम पेज पर ‘बरनावा डायरी’ का दसवां एपिसोड पोस्ट किया गया है। जिसमें पूज्य गुरु जी ने अपनी आंख का तारा प्यारी साध-संगत को संबोधन करते हुए लंगर के बारे बड़े जबरदस्त वचन किए हैं। सबको पता है कि गुरु घर का लंगर बहुत बेशकीमती होता है। जो श्रद्धा भाव से खाता है उसके सारे कष्ट खत्म हो जाते हैं। पर पूज्य हजूर पिता जी ने तो साध संगत का प्रेम और दृढ़ विश्वास देखकर लंगर खाने को लेकर ऐसे वचन कर दिए जो इतिहास में कभी किसी गुरु ने नहीं किए। उन्होंने लंगर खाने के बारे वचन करते हुए फरमाया कि, बेपरवाह जी कहा करते थे, साईं जी के वचन थे,” सच्चे सौदे का लंगर खावणगे तां घणे रोग टूट जावणगे”। पर अब हम उन्हीं से मांग कर लाए हैं कि “रोग तो टूटेंगे ही पर आशिकी में तरक्की भी करते जाओगे जब यह लंगर खाओगे”।
पूज्य गुरु जी के पवित्र मुखारविंद से इतने जबरदस्त वचन सुनकर साध-संगत गदगद हो उठी है और अब साध संगत पहले से ज्यादा श्रद्धा भाव के साथ लंगर ग्रहण करती है। ‘बरनावा डायरी’ के इस एपिसोड को साध-संगत बार बार देख रही है और वीडियो को लाइक कमेंट शेयर कर रही है। आपको बता दें कि यह ‘बरनावा डायरी’ के स्पेशल एपिसोड्स हर मंगलवार और शुक्रवार को डेरा सच्चा सौदा के आॅफिशियल इंस्टाग्राम पेज पर अपलोड किए जाते हैं। अगर आपने यह एपिसोड अभी तक नहीं देखे तो आज ही यह एपिसोड देखें और पूज्य गुरु जी के लाइफ चेंजिंग अनमोल वचन सुनकर अपनी जिंदगी को खुशनुमा बनाएं।
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