विधानसभा में पारित हुआ परीक्षा विधेयक
Odisha Public Examination Bill 2024 Passed: भुवनेश्वर (एजेंसी)। ओडिशा विधानसभा में भर्ती और प्रवेश परीक्षाओं में धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, परीक्षा पेपर लीक और अनुचित साधनों को रोकने के लिए ‘ओडिशा सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक 2024’ पारित किया गया। Odisha Public Examination Bill
यह विधेयक शुक्रवार को ध्वनि मत से पारित हो गया। केंद्र सरकार ने भी पहले भी ऐसा विधेयक पारित किया है। हरियाणा, असम और महाराष्ट्र जैसे कुछ अन्य राज्यों ने भी धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए यह कानून बनाया है। विधेयक में भर्ती और प्रवेश परीक्षा में संगठित अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। विधेयक में प्रावधान है कि इस अधिनियम के तहत अनुचित साधनों और अपराधों का सहारा लेने वाले किसी भी व्यक्ति को कम से कम तीन साल की कैद की सजा दी जाएगी, जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है और 10 लाख रुपये तक जुर्माना, जुर्माना अदा न करने पर कारावास की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
संगठन को परीक्षा आयोजित करने से भी रोक दिया जाएगा | Odisha Public Examination Bill
इसमें ऐसे अपराधों में शामिल पाए जाने पर सेवा प्रदाता से एक करोड़ रुपये का जुर्माना और जांच की आनुपातिक लागत वसूलने का प्रावधान है। संगठन को चार साल तक कोई भी परीक्षा आयोजित करने से भी रोक दिया जाएगा। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने विधेयक को आगे बढ़ाते हुए कहा कि विधेयक का उद्देश्य सार्वजनिक परीक्षा प्रणालियों में अधिक पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश्वसनीयता लाना है और युवाओं को आश्वस्त करना है कि उनके ईमानदार और वास्तविक प्रयासों को उचित पुरस्कार मिलेगा और उनका भविष्य सुरक्षित है। Odisha Public Examination Bill
उन्होंने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य ऐसे व्यक्तियों, संगठित समूहों या संस्थानों को प्रभावी ढंग से और कानूनी रूप से रोकना है जो विभिन्न अनुचित तरीकों में लिप्त हैं और मौद्रिक लाभ कमाने के लिए सार्वजनिक परीक्षा प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। यह ओपीएससी, ओएसएसएस कमिशन, एसएसबी, ओडिशा अधीनस्थ जैसी भर्ती एजेंसियों ,कर्मचारी चयन आयोग, और ओडिशा संयुक्त प्रवेश परीक्षा प्राधिकरण को कवर करेगा।
पिछली जनता दल बीजू (बीजद) सरकार पर निशाना साधते हुए श्री माझी ने कहा कि बीजद शासन के दौरान परीक्षा और भर्ती में कोई पारदर्शिता नहीं थी। सहायक अनुभाग अधिकारियों की नियुक्तियां 25 से 30 लाख रुपये में बेची गईं। परीक्षा पेपर लीक में अधिकारी शामिल थे लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की और बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेल दिया। Odisha Public Examination Bill