बीमा कंपनियां हर साल लाखों स्वास्थ्य बीमा (हेल्थ इंश्योरेंस) के दावों को रिजेक्ट करती हैं? बहुत से रिजेक्शन का कारण सही नहीं होता है। बीमा कंपनियों ने कोविड-19 के भी बहुत से दावों को रिजेक्ट किया है। यदि आपका दावा सही है, उस स्थिति में आप बीमा कंपनी से अपना रिजेक्टेड क्लेम ले सकते हैं।
आइए जानते हैं कैसे:-
रजिस्टर्ड पोस्ट से सूचित करें
बीमा कंपनी जब भी स्वास्थ्य बीमा का दावा रिजेक्ट करती है तब बीमित को दावा रिजेक्ट करने के कारण लिखित में बताती है। यदि आपका दावा सही है और आपको लगता है कि बीमा कंपनी के दावा रिजेक्ट करने का कारण सही नहीं है, तब आप बीमा कंपनी को लिखित में रजिस्टर्ड पोस्ट द्वारा सूचित करिए कि उनके द्वारा दावा के रिजेक्ट के कारण क्यों सही नहीं है।
अपने प्रोटेस्ट पत्र तथा ईमेल की कॉपी आईआरडीएआई हैदराबाद की ईमेल आईडी complaints@irdai.gov.in एवं कंपनी के हेड आॅफिस के ग्रीवेंस सेल को जरूर भेजिए। आपके द्वारा पत्र, ईमेल भेजने के बाद भी यदि एक माह के अंदर कंपनी आपके दावे का भुगतान नहीं करती है या सूचित नहीं करती है, तब आप अपने क्षेत्र के बीमा लोकपाल में अपनी शिकायत जरूर दर्ज करवाएं।
बीमा लोकपाल से कैसे करें शिकायत
- बीमित व्यक्ति बीमा लोकपाल को अपनी शिकायत सादे पेपर पर लिखकर या टाइप करवा कर रजिस्टर्ड पोस्ट तथा ईमेल के जरिए कर सकता है।
- इसमें बीमित का नाम, हस्ताक्षर, बीमा का पॉलिसी नंबर, बीमा दावा नंबर, दावा कितने रुपए का है, बताना होगा।
- पूरा एड्रेस पिन कोड के साथ, फोन नंबर, ईमेल आईडी, बीमा कंपनी का नाम एवं उस आॅफिस का एड्रेस जहां से पॉलिसी ली गई है, बतानी चाहिए।
- शिकायत के साथ हॉस्पिटल के बिल, डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन, इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट, बीमा कंपनी की ओर से दिए गए रिजेक्शन लेटर की कॉपी अटैच करना चाहिए।
- शिकायत पत्र में यह जरूर लिखना चाहिए कि बीमा कंपनी द्वारा दावा रिजेक्शन के जो कारण बताए हैं वह क्यों गलत हैं, एवं आपका दावा क्यों सही है।
- फ्री में कर सकते हैं बीमा लोकपाल में शिकायत
- स्वास्थ्य बीमा विशेषज्ञ डॉ. एलपी गुप्ता बताते हैं कि बीमा लोकपाल में शिकायत, पत्र द्वारा व्यक्तिगत रूप से अथवा पोस्ट द्वारा दी जा सकती है। यदि किसी दावे का केस कंजूमर कोर्ट में लंबित है, उस स्थिति में बीमा लोकपाल में शिकायत नहीं की जा सकती है।
- बीमा लोकपाल में शिकायत के लिए किसी तरह की फीस नहीं ली जाती है। बीमा लोकपाल में शिकायत बीमित द्वारा अथवा बीमित के वारिस द्वारा की जा सकती है।
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