किसानों ने किया राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम, झुका प्रशासन ( Against Agricultural Ordinances)
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पिपली अनाज मंडी में हुई किसान रैली, पहुँचे हजारों किसान
सच कहूँ/देवीलाल बारना कुरुक्षेत्र। तीन अध्यादेशों को रद्द करने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले वीरवार को किसानों ने भारी सुरक्षा प्रबंधों को तोड़ते हुए जीटी रोड़ के साथ लगती पिपली अनाजमंडी में रैली आयोजित की। इससे पहले पुलिस ने किसानों को रैली स्थल पर जाने से रोका। किसान रैली स्थल पर जाने के लिए अड़े रहे जिस पर पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया। रोष स्ववरूप ने राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया। पुलिस प्रशासन ने गुरुवार सुबह ही पिपली अनाज मंडी में प्रवेश रोकने लिए मंडी के गेटों पर ताले लगा दिए थे। रैली में बीकेयू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने ऐलान करते हए कहा कि अगर तीनों अध्यादेश वापस नहीं लिए गए तो 14 सितंबर को जिला स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। यदि फिर भी वापिस नही लिए तो 20 सितंबर को हरियाणा पूरी तरह से जाम कर दिया जाएगा। बता दें कि पिछले कई दिनों से किसान नेता रैली को लेकर जोर-शोर से प्रचार कर रहे थे। ऐसे में जिला प्रशासन की तरफ से बुधवार देर सांय पिपली में धारा-144 लागू कर दी थी। जिसके चलते अंदाजा लगाया जा रहा था कि किसान रैली में नही पहुंचेंगें। हालांकि पुलिस प्रशासन सुबह से ही पिपली में मुस्तैद था लेकिन सुबह लगभग 10 बजे से ही किसान पिपली पहुंचने शुरू हो गए। इस दौरान एडीजीपी नवदीप सिंह विर्क भी मौके पर जायजा लेने पहुंचे।
जब किसानों को रैली स्थल पर नही जाने दिया तो किसानों ने लगभग साढे 12 बजे जीटी रोड जाम कर दिया। बताया जा रहा है कि सरकार के आदेश के बाद ही जिला प्रशासन जीटी रोड पर जाम स्थल पर पहुंचा और किसानों को राजी किया। किसानों ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि जो भी किसान गिरफ्तार किए गए हैं, उन पर मुकदमा दर्ज न किया जाए व छोडा जाए। प्रदेश में रैली को लेकर लगाए गए बैरिकेटस को तुरंत हटाया जाए व रैली करने की इजाजत दी जाए। जिला प्रशासन ने तुरंत सभी मांगों को मान लिया व किसानों ने जाम खोल दिया। इसके बाद किसानों ने गुरनाम चढूनी के नेतृत्व में रैली का आयोजन किया। रैली में हजारों किसान मौजूद रहे।
कांग्रेस ने किसान मजदूरों पर लाठीचार्ज किये जाने की निंदा
हरियाणा कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की कोशिश कर रहे किसान-मजदूरों पर ठीचार्ज किये जाने की निंदा की है। उन्होंने आढ़तियों को रोकने के लिए की गई दमनपूर्ण कार्रवाई का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि किसानों के खिलाफ केंद्र सरकार के तीन अध्यादेशों के विरोध में प्रदेश कांग्रेस 21 सितंबर को प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन करेगी और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देगी।
किन अध्यादेशों का विरोध?
पहले अध्यादेश के अनुसार, अब व्यापारी मंडी से बाहर भी किसानों की फसल खरीद सकेंगे। पहले किसानों की फसल को सिर्फ मंडी से ही खरीदा जा सकता था। वहीं केंद्र ने अब दाल, आलू, प्याज, अनाज, इडेबल आयल आदि को आवश्यक वस्तु के नियम से बाहर कर इसकी स्टॉक सीमा खत्म कर दी है। इन दोनों के अलावा केंद्र सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग को बढ़ावा देने की भी नीति पर काम शुरू किया है, जिससे किसान नाराज हैं।
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