One Nation One Election: केंद्रीय कैबिनेट ने वन नेशन वन इलेक्शन पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी हैं, बिल को शातकालीन में संसद से पास करा लिया जाएगा, जिसके बाद यह कानून बन जाएगा और इसके साथ ही देश में एक साथ चुनाव कराने के द्वार भी खुल जाएंगे, तो आइए जानते हैं कि यदि एक देश एक चुनाव लागू किया जाता है और सभी विधानसभा चुनाव 2029 के लोकसभा चुनाव के साथ होंगे, तो कौन-कौन से राज्य में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
पहले 22 राज्यों में कराने पडेंगे चुनाव | One Nation One Election
वन नेशन वन इलेक्शन लागू होने से आंध्र प्रदेश, अरुणआचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि यहां लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते हैं, इसके अलावा 22 ऐसे राज्य हैं जहां समय से पहले चुनाव कराने होंगे। वन नेशन वन इलेक्शन लागू होने के बाद असम, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक केरल महाराष्ट्र मणिपुर मेघालय नागालैंड दिल्ली पुडुचेरी पंजाब तमिलनाडु त्रिपुरा उत्तर प्रदेश उत्तराखंड जम्मू कश्मीर और पश्चिम बंगाल में समय से पहले चुनाव कराने होंगे।
इन 5 राज्यों में देरी से कराएं जाएगे चुनाव | One Nation One Election
एक देश एक चुनाव लागू होता है तो छत्तीसगढ़, मजिरोम, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना में देरी से चुनाव होंगे, सूचना एंव प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मिली मंजूरी की जानकारी देते हुए कहा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को आगे बढ़ाने के लिए एक क्रियान्वयन समूह का गठन किया जाएगा और अगले कुछ महीनों में देश भर के विभिन्न मंचों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी उन्होंने बताया कि सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में इसे लागू कर देंगी।
बता दें कि देश में 1951 से 1967 के बीच एक साथ चुनाव हुए थे, लेकिन उसके बाद मिड टर्म चुनाव सहित विभिन्न कारणों से चुनाव अलग-अलग समय पर होने लगे। इस वर्ष मई-जून में लोकसभा चुनाए हुए थे, जबकि ओडिशा, आंध्र प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भी संसदीय चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव हुए।