विधायकों और खाप प्रतिनिधियों ने भी की शिरकत (Rakesh Tikait)
सच कहूँ/इन्द्रवेश भिवानी। किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों को संगठित रहने की अपील करते हुए कहा कि यदि कृषि कानून वापिस नहीं होते है तो अनाज तिजौरियों में रखने का सामान बन जाएगा। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपने देश की मिट्टी व पानी साथ रखें, ताकि उन्हें किसान होने का एहसास होता रहे। उन्होंने कहा कि हमारे तीन मुख्य मांगें हैं, जिनमें कृषि कानून वापिस हो, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले व किसानों पर दर्ज मुकदमें वापिस हो। रविवार को गांव कितलाना में किसान महा पंचायत में उमड़ी भीड़ ने न केवल श्रोताओं में जोश भरा बल्कि किसान नेताओं को भी मजबूती दी।
संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता डा. दर्शनपाल व बलबीर सिंह राज्यवाल भी इस महापंचायत में पहुंचे। किसानों ने हाथ खड़े करके पांच प्रस्ताव भी पारित किये। किसान महापंचायत की अध्यक्षता सोमबीर सांगवान विधायक एवं सांगवान एवं 40 सांगवान खाप के अध्यक्ष ने की। महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू भी पंचायत में उपस्थित थे।
न माने तो गद्दी वापसी की उठ जाएगी मांग
टिकैत ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी तो सिर्फ कानून वापिसी की मांग की जा रही हैं। ऐसे में सरकार को किसानों की मांगें मान लेनी चाहिए। यदि किसान गद्दी वापसी की मांग करने लगे तो सरकार को ओर भी मुश्किल हो जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अधिक से अधिक पेड़ लगाएं, जिससे उनका खेत व वातावरण शुद्ध हो। राकेश टिकैत ने कहा कि भाजपा को आठ-दस नेताओं ने पंजाब व हरियाणा में सिक्ख व नोन सिक्ख में बांटने की कोशिश की, जबकि उनके इन प्रयासों से वे और भी संगठित हुए।
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