बच्चा स्कूल जाता है या जेल
हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा जिंदगी में कुछ ऐसा करें जिससे समाज में उसकी अलग पहचान बने और वह धरातलीय सच्चाई को समझे। कई माता-पिता पढ़ाई को लेकर गलत धारणा पाल लेते हैं। उन्हें लगता है कि किताबी ज्ञान ही सब कुछ है और वो बच्चों को दिनभर कित...
रूहानी सवाल-जवाब
जिज्ञासुओं के सवाल पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज के जवाब:-
प्रश्न : कोई आत्महत्या कर लेता है तो क्या यह उस इन्सान की प्रारब्ध है? यदि उसका अंत ही ऐसा है तो उसे आत्महत्या का दंड क्यों?
उत्तर : एक-न-एक दिन हर किसी ने जाना है और कुदरती मृृत्यु क...
साहिर लुधियानवी: गीतों का जादूगर
साहिर के मायने जादूगर होता है। शायर-नग्मानिगार साहिर लुधियानवी वाकई एक जादूगर थे, जिनकी गजलें-नज्में और नग्में उनके लाखों चाहने वालों के दिलों-दिमाग पर एक जादू जगाते थे। वे जब मुशायरे में अपना कलाम पढ़ने के लिए खड़े होते, तो उनकी शायरी पर लोग झूम उठते।...
बच्चों का सबसे बड़ा दुश्मन बाल श्रम
बाल श्रम से हमारा तात्पर्य ऐसे कार्यों से है, जिसमें काम करने वाला व्यक्ति कानून द्वारा निर्धारित उम्र से छोटा होता है और इस प्रथा को अनेक देशों और अंतरास्ट्रीय संगठनों ने शोषित करने वाली माना है। अंतरास्ट्रीय श्रम संगठन ने जागरूकता पैदा करने के लिए ...
समानता के सच्चे पैरोकार थे डॉ. अंबेडकर
धार्मिक समुदायों के लिए पृथक निर्वाचिका और आरक्षण की मांग की।
डॉ. अंबेडकर (Dr. Bhim Rao Ambedkar) समानता के सच्चे पैरोकार थे। हालांकि उन्हें जब भारत सरकार अधिनियम 1919 तैयार कर रही साउथबोरोह समिति के समक्ष गवाही देने के लिए आमंत्रित किया गया तो उन्ह...
साहूकारों से लिए कर्ज को कैसे चुकाए किसान
सरकार किसानों का अरबों रुपए का ऋण माफ करने की तैयारी कर रही है किन्तु जो किसान वास्तव में ऋणगस्त हैं उन्हें इससे कोई राहत नहीं मिलेगी, क्योंकि उन्होंने साहूकारों से ऋण लिया है, जो सरकार द्वारा की गई कर्जमाफी के दायरे में नहीं आता है। वास्तव में भारत ...
भारतीय लोकतंत्र के नायक थे चाचा नेहरू
14 नवंबर की तारीख को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के तौर पर याद किया जाता है। आज के दिन 1889 को इलाहाबाद में जन्मे पंडित जवाहरलाल नेहरू ने शायद ही कभी ये सोचा होगा कि एक दिन भारत में उनके नाम और काम पर आलोचनात्मक बहस होगी। यह स...
‘‘मस्ताना पैसों का भूखा नहीं है, मस्ताना प्यार का भूखा है’’
जब लगी तरबूज की बोली
मोती राम जिन्हें पूजनीय शाह मस्ताना जी महाराज प्यार से प्रह्लाद कहकर पुकारते, वाल्मीकि चौक सरसा का रहने वाला पुराना सत्संगी कविराज है। उसकी इच्छा थी कि हमारे इलाके के लोग शराब एवं मांस आदि का सेवन करते हैं यह सब बुराईयां दूर होन...
बाढ़: प्राकृतिक आपदा में आदमी
देश के ज्यादातर क्षेत्र में मानसून ने जोरदार दस्तक दे दी है, लेकिन कई इलाके बाढ़ में डूबने की त्रासदी झेल रहे हैं। इस कारण ऊंचे इलाकों में तो हरियाली दिख रही है, किंतु निचले क्षेत्रों में फसले चौपट हो गई हैं। असम के करीमगंज जिले में सुप्राकांधी गांव न...
विश्व का सबसे महंगा टूनार्मेंट है फीफा वर्ल्ड कप
भले ही भारत सहित दुनियाभर के अनेक देशों में खेल प्रेमियों और यहां तक कि छोटे-छोटे बच्चों तक पर क्रिकेट की खुमारी छाई नजर आती है किन्तु आपको जानकर आश्चर्य होगा कि फुटबाल न केवल दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल है बल्कि इसमें पैसा भी क्रिकेट के मुकाबले कई ग...