तुच्छ हरकतों से विरोध करना निंदनीय
कर्नाटक में किसान नेता राकेश टिकैत के चेहरे पर सियाही फेंकने की घटना बेहद शर्मनाक व निंदनीय है। यह हमारे भारतीयों के पिछड़ेपन, असभ्य व पिछलगु सोच का परिणाम है। विगत वर्षों में कालिख पोतने की घटनाओं की शुरूआत हुई थी, अब विरोध के नाम पर यह चलन ही बन गया...
जब दर्शन देकर पूज्य पिता जी ने फरमाया-बता हम नजदीक हैं या दूर…
सत् ब्रह्मचारी सेवादार पाल इन्सां, अपने सतगुरू, मुर्शिद-ए-कामिल की अपने ऊपर हुई अपार रहमत का वर्णन इस प्रकार करता है:-
सेवादार पाल इन्सां बताते हैं कि यह बात 1995 की है। उन दिनों पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां (Saint MSG) ने हिमाच...
युवाओं को तरक्की के अवसर मिलें, तस्करों को दंड
पंजाब व पड़ोसी क्षेत्रों में नशीले पदार्थों का लगातार बढ़ता प्रचलन जहां एक गंभीर सामाजिक चुनौती है, वहीं यह कानून व्यवस्था के लिए भी बड़ा संकट पैदा कर रहा है। खासकर पाकिस्तान सीमा से लगे इस संवेदनशील राज्य में यह चुनौती ज्यादा घातक साबित हो सकती है। हाल...
भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ने वालों का खुलकर साथ दिया जाए
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने एक संक्षिप्त संदेश में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा. विजय सिंगला के एक प्रतिशत कमीशन मांगने जैसे भ्रष्टाचार के मामले का न केवल खुलासा किया बल्कि मंत्री को बर्खास्त कर उन पर पुलिस कार्रवाई के आदेश भी दिए। मुख्यम...
प्यारे सतगुरू जी ने बसाया कल्याण नगर
पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने इस नगर की स्थापना 1974 में की। इस नगर का नाम कल्याण रखते हुए फरमाया, ‘‘जो कोई इस नगर में रहते हुए अपने प्यारे सतगुरू के वचनों पर अमल कमाएगा, उसका कल्याण हो जाएगा।’’ यहां के नगरवासियों में सेवा का जज्बा भरा हुआ ह...
मौत के गड्ढ़ों में समाती अनमोल जिंदगियां
पहली बार हरियाणा में कुरूक्षेत्र के हल्दाहेड़ी गांव में 21 जुलाई 2006 को किसी मासूम के बोरवैल में गिरने की घटना मीडिया की सक्रियता के चलते सबके सामने आई थी, जब पांच वर्षीय मासूम प्रिंस 50 फीट गहरे बोरवैल में गिर गया था और उसे सेना की रेस्क्यू टीम की क...
सच्चे सतगुरु जी ने मौत जैसा भयानक कर्म कंकर में बदला
बहन नीलम इन्सां पत्नी रामफल इन्सां गांव हजवाना ब्लॉक पूंडरी जिला कैथल (हरियाणा) और मौजूदा पता है सुखचैन कॉलोनी, सरसा। बहन नीलम इन्सां पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपने ऊपर हुई अपार रहमत का लिखित में वर्णन इस प्रकार करती हैं :-...
सतगुरू जी ने जीव को बख्शा खुशियों का खजाना
सन् 1957 में नेजिया खेड़ा आश्रम में पूजनीय बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज का सत्संग था। हरि चंद पंजकल्याणा ने पहली बार सत्संग सुना और वहीं नाम-शब्द भी ले लिया। आप जी ने नाम देते समय वचन फरमाए, ‘‘आज से तुम्हारा नया जन्म हो गया। सतगुरू तुम्हारे अंदर बैठ ...
बेटा, बहुत भयानक कर्म था, सूली से सूल हो गया। यह साध-संगत की सेवा का ही फल है।’’
यह बात 10 अक्तूबर, 1988 की है। मैं बिजली बोर्ड में लाईनमैन के पद पर नियुक्त था। मुझे मासिक सत्संग पर आश्रम में जाना था परंतु छुट्टी न मिलने के कारण नहीं जा सका। उसी दिन शाम को मैं सांगला गांव में एक हजार वोल्टेज पर काम कर रहा था। अचानक दुर्घटना हुई औ...
‘‘बेटा, सारा परिवार पेड़ के नीचे छाया में बैठ जाओ, तुमने कोई काम नहीं करना, तुम्हारा घर हम बनवाएंगे।’’
अप्रैल, 1981 की बात है। हम कल्याण नगर में अपना मकान बना रहे थे। लगभग 22 दिन तक काम चलने के बाद भी मकान अधूरा था। इस दौरान पैसे भी खत्म हो चुके थे। सारा परिवार दुविधा में था कि अब मकान कैसे बनेगा? मैंने मिस्त्रियों को काम पर आने के लिए मना कर दिया। मक...