नये उम्मीदों से भरी नई शिक्षा नीति
बरसों से चल रहे प्रयास के फलस्वरूप आखिरकार केन्द्र सरकार ने बीते 29 जुलाई को नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी। नई शिक्षा नीति में नये सपने और नई विशेषताएं देखी जा सकती हैं साथ ही कुल जीडीपी का 6 फीसद शिक्षा पर खर्च करने का इरादा भी झलकता है। जो पहले की...
उदारवादी इस्लाम के पक्ष में हैं तारिक फतेह
होटल के अंदर और बाहर सुरक्षाकर्मियों का पहरेदारी हो गई। मुझे आदेश मिला था कि मैं बिना किसी सुरक्षाकर्मी के बाहर न निकलूं और न ही किसी सार्वजनिक समारोह में भाग लूं। तब मैंने सोचा कि ऐसा क्या कर दिया मैंने जो इतना बवाल कट गया। लेकिन उसके बाद ऐसे वाक्या होते ही गए, इसलिए अब मैं आदी हो चुका हूं।
राष्ट्रपति चुनाव के सहारे दलितों के दिल में जगह बनाने की कवायद
पक्ष एवं विपक्ष दोनो तरफ से भारत के राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार तय कर लिए गए हैं। इस बार के चुनाव में यूं तो 11 के करीब अन्य उम्मीदवार भी मैदान में उतरे हैं, लेकिन जिन उम्मीदवारों के बीच वास्तविक मुकाबला होना है, रामनाथ कोविंद राजग की ओर से व म...
प्रकृति के रौद्र रूप को कब तक अनदेखा करेंगे हम?
योगेश कुमार गोयल
इस साल अप्रैल माह से ही देश के लगभग सभी राज्यों में अलग-अलग रूपों में प्रकृति का जो प्रकोप देखा जा रहा है, उससे हर कोई चिंतित और बेबस है। कहीं आंधी तूफान में परिवर्तित होकर सैंकड़ों लोगों का काल बन गई तो कहीं भारी बारिश, बर्फबारी, आस...
केरल में बाढ़ का कहर, दीर्घकालीन योजना की कमी का परिणाम
केरल में इस बार बाढ़ ने भयानक तबाही मचाई है। बरसात की इतनी अधिक मार का किसी का भी अंदाजा नहीं था। अब तक 300 से अधिक जिंदगीयां मौत के मुंह समा चुकी हैं। माली नुक्सान बड़े स्तर पर हुआ है। नुक्सान का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि केन्द्र सरकार न...
जतीन्द्रनाथ ने भूख से मरना चुना
जतींद्र नाथ दास 1904 में पैदा हुए था। इनको जतिन भी कहते हैं, पैदाइश की जगह कलकत्ता। बहुत हल्की उम्र में बंगाल का क्रांतिकारी ग्रुप ‘अनुशीलन समिति’ ज्वाइन कर लिया। केवल 16 साल की उम्र थी, जब आंदोलन के चलते दो बार जेल जा चुके थे। गांधी के असहयोग आंदोलन...
आखिर कैसे रूक पायेगी दुष्कर्म की घटनायें?
नानी के घर आई तीन साल की मासूम बच्ची राजस्थान में झुंझुनू शहर के बीडीके अस्पताल के एक बैड पर गुमसुम बैठी थी। उसे तो यह मालूम ही नहीं है कि उसके साथ हुआ क्या है, क्योंकि यह सब समझने की उसकी अभी उम्र कहां है। उसके आगे कई तरह के खिलौने पड़े हैं। कभी वो ग...
भाषा की मर्यादा को तार-तार करती राजनीति
भारत की राजनीति में नैतिकता, स्वच्छंदता में भारी गिरावट तथा बेशर्मी व बड़बोलेपन में एकाएक वृद्धि हुई है, जो कि चिंतनीय एवं निंदनीय विषय है। उत्तरप्रदेश में सपा नेता आजम खां पर एक बार फिर चुनाव आयोग ने 48 घंटों का प्रतिबंध लगा दिया है। उनके साथ गुजरात ...
पराली का मामला उलझा
धान की पराली के मुद्दा को लेकर पंजाब व हरियाणा में काफी तनातनी हो रही है। किसान पराली जलाने पर अड़े हुए हैं, वहीं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सरकारों पर लगातार सख्ती बरत रहा है। इन राज्यों में किसान संगठन मीटिंगों के दौरान पराली जलाकर अपना स्पष्टीकरण रख रह...
मानवीय संबंधों की मिठास का अहसास कराती चिट्ठियां
चिट्ठी आई है वतन से चिट्ठी आई है.....और लिखे जो खत तुझे, वो तेरी याद में हजारों रंग के नाारे बन गए...... जैसे गीत हमें कागा पर लिखी उन चिट्ठियों की याद दिलाते हैं, जिनमें सूचनाएँ ही नहीं भावनाओं का इजहार है और गहरी मानवीय संवेदनाएँ हैं। खाकी वर्दी पह...