उत्तर कोरिया के सनकी तानाशाह की घातक मंशा
एक सनकी तानाशाह मानव समुदाय के लिए कितना खतरनाक हो सकता है, यह उत्तर कोरिया के स्वंयभू शासक किमजोंग ने तय कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र संघ में उत्तर कोरिया के राजदूत किमयांग ने यह कहकर दुनिया को आश्चर्य में डाल दिया है कि ‘कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव ...
अमेरिका को गुलदस्ता बनाए बायडेन प्रशासन
दुनिया के ताकतवर देश अमेरिका में सत्ता बदलाव हो गया है। बायडेन प्रशासन के उदारवादी होने की संभावनाएं हैं। बायडेन ने अपने प्रशासन में भारतीय मूल के लोगों को उच्च पद देकर अपनी मानववादी और आजाद सोच का सबूत दिया है।
कर्ज के मक्कड़जाल मेंं दम तोड़ती जिंदगियां
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा
आजादी के सात दशक बाद भी देश में कर्ज की अंतिम परिणीति मौत को गले लगाना ही हो, तो इससे अधिक दुर्भाग्यजनक और शर्मनाक क्या हो सकता है। पिछले दिनों ही कर्ज के बोझ तले डूबे जयपुर मेंं एक ही परिवार के सभी सदस्यों द्वारा सामूहिक ...
धार्मिक आस्था पर प्रहार कब तक?
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने पंद्रह साल बाद एक बार फिर कायराना हरकत की है। हिन्दू आस्था और सौहार्द पर आतंकवाद का कहर टूटा है। सावन के पहले सोमवार की रात लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाया। हमले में सात श्रद्धालु यात्री मारे...
Biggest Day Of The Year: 21 जून को नहीं नजर आएगी परछाई, आखिर 21 June ही क्यों होता है साल का सबसे बड़ा दिन
21 जून साल का सबसे बड़ा दिन क्यों है? | (Biggest Day Of The Year)
21 जून दुनिया भर में कई संस्कृतियों के लिए एक महत्वपूर्ण तारीख है। यह ग्रीष्मकालीन संक्रांति को चिह्नित करता है, जो उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन और दक्षिणी गोलार्ध में सबस...
क्या हो प्रदूषण की समस्या का दीर्घकालिक हल
इन दिनों दिल्ली में तेज हवा की वजह से पारे में यहां तेज गिरावट आई वहीं ठंड भी बढ़ी, मगर इससे हवा के साफ होने की भी गुंजाइश बनी है। अब एक बार फिर दिल्ली में कोहरे या धुंध की हालत बनने के साथ वायुमंडल के घनीभूत होने की हालात पैदा हो गई है और इसमें प्रदू...
बहुआयामी प्रतिभा के धनी डॉ. भीम राव अंबेडकर
डा. अंबेडकर सिर्फ हिंदू समाज में व्याप्त कुरीतियों और सामाजिक भेदभाव के ही विरोधी नहीं थे बल्कि वे इस्लाम धर्म में व्याप्त बाल विवाह की प्रथा और महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार के भी कटु आलोचक थे। उन्होंने लिखा है कि मुस्लिम समाज में तो हिंदू सम...
महायुद्ध की शुरुआत
28 अगस्त यानी आज का दिन दुनिया के इतिहास का ऐसा दिन है, जिसे कोई याद नहीं रखना चाहेगा। इसी दिन 1914 में भीषण महायुद्ध की शुरूआत हुई, जिसमें करीब डेढ़ करोड़ लोग मारे गए थे। करीब 48 हजार भारतीय सैनिक भी इस महायुद्ध की भेंट चढ़े थे। जर्मनी, आॅस्ट्रिया-हंगर...
आदिवासियों की अस्मिता है जंगल
जंगल जो आदिवासियों की अस्मिता है। जहां उनकी जिन्दगी की गुजर-बसर होती है। उस जंगल और जमीन से (Tribal is the Asmita forest) लाखों आदिवासियों को बेदखल होना पड़ेगा। वजह, आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए बने ‘जंगल का अधिकार’ कानून का मोदी सरकार अदालत...
गोरखालैंड मांग की धधकती आग
लो दुनिया भर में प्राकृतिक सुंदरता के लिए विख्यात और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र दार्जिलिंग आज अराजकता और हिंसा की चपेट में है। आंदोलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त है और शहर से रौनक गायब है।
आगजनी और हिंसा के कारण यहां आए पर्यटक खौफ और दहशत में हैं। इ...