समान नागरिक संहिता जरूरी लेकिन सर्वसम्मति से
सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से गोवा के एक संपत्ति विवाद मामले की सुनवाई के दौरान समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों पर टिप्पणी करते हुए इसको नाकाफी बताया। इसी के साथ एक बार फिर से इस मुद्दे पर दे...
स्वच्छ पर्यावरण से दूर होता मानव समाज
चिकित्सा जगत की चर्चित पत्रिका 'द लांसेट' ने हाल ही में प्रदूषण से संबंधित हैरान करने वाले दो तरह के आंकड़े जारी किये हैं। पत्रिका की पहली रिपोर्ट के मुताबिक, भारत साल 2015 में प्रदूषण से हुई मौतों के मामले में 188 देशों की सूची में पांचवें स्थान पर र...
पावन 32वें गुरगद्दी दिवस पर विशेष : पावन वचन सच हुए, हम थे, हम हैं, हम ही रहेंगे
तीसरी बॉडी में ऐसा बब्बर शेर आएगा कि उसकी ओर कोई अंगुली नहीं उठा सकेगा। उस बॉडी के रूप में स्वयं प्रभु आकर सभी धर्म व जातियों के लोगों को भरपूर प्रेम प्रदान करते हुए अंदर वाले जिन्दाराम का खूब यश करेगा। जो लोग आश्रम के बारे में निंदा-चुगली करते हैं, ...
नकली दूध-घी और लापरवाह सरकार
मिलावट महापाप व मानवता के खिलाफ जघन्य अपराध
गत दिवस पंजाब व हरियाणा के दो समाचारों ने सबको चिंतित किया। एक खबर तो हरियाणा के जिला सिरसा से थी, जहां एक गांव में बंद पड़ी फैक्ट्री में गुप-चुप तरीके से नकली घी बनाया जा रहा था। फैक्ट्री से नकली घी बनाने ...
शर्मा जी, फेसबुक और ‘लाइक’ का चक्कर
आमेरे परम मित्र शर्मा जी इन दिनों बेहद खफा हैं। दरअसल, वे खफा आॅफलाइन मित्रों से नहीं, बल्कि आॅनलाइन मित्रों से हैं। भड़ककर कहते हैं-'भला! यह भी कोई बात हुई। चार हजार फेसबुक फ्रेंड और लाइक मात्र सात सौ। भई, बहुत हो गई, अब निष्क्रिय दोस्तों को बाहर का ...
आजादी के अपने-अपने मायने
15 अगस्त, 1947 को लाखों देशवासियों ने कुर्बानियां देकर ब्रिटिश शासन से आजादी प्राप्त की थी। हमारे देश में आजादी के अर्थ समय के साथ बदलते रहे हैं। सबने अपने-अपने ढंग से आजादी का मतलब निकाला है। गरीब आदमी के लिए आजादी का अर्थ गरीबी से आजादी है। अशिक्षि...
सद्भावना से भरे विनम्र नेता थे अटल बिहारी वाजपेयी
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी दुनिया को अलविदा कह गए। अपने अच्छे गुणों, साहित्यक व राजनीतिक उपलब्धियों के कारण उनकी स्नेहता का घेरा पार्टी सीमाओं से बहुत ऊपर था। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू भी उनके प्रशंसकों में शामिल हैं।...
हमारे सौर मंडल में कम से कम 135 चाँद और हैं
धरती से अक्सर आसमान में देखने पर एक खूबसूरत चीज नजर आती है। जिसे हम चांद कहते हैं। जी हां वही चांद जो पूर्णिमा पर पूरी तरह से नजर आता है और अमावस्या के दिन न जाने कहां गायब हो जाता है। पूरी दुनिया में इसकी खूबसूरती के जलवे हैं।
पेड़ से गिरे सेब ने बना दिया वैज्ञानिक
4 जनवरी 1643 को धरती पर एक ऐसे अद्भुत व्यक्ति का जन्म हुआ जिसने विज्ञान की परिभाषा को एक नया रूप दिया। विज्ञान के ऐसे तथ्य प्रस्तुत किये जो आज तक चल रहे हैं। एक सेब के गिरने को लेकर उन्होंने ऐसी बातें सामने रखीं जिससे दुनिया अब तक अनजान थी। जी हाँ हम...
रिश्वतखोरी में जकड़ता भारत
राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, आदर्श घोटाला, घोटाला ही घोटाला, भ्रष्टाचार चिंता का विषय बनता जा रहा है। लेकिन अब उस चिंता में संजीदगी नजर नहीं आती। जो भ्रष्टाचार से प्रभावित होते हैं, उनके लिए भी भ्रष्टाचार कोई गंभीर चिंता का विषय नहीं, क्योंकि अवसर मिलने प...