पेड़ों को बचाने में दिल्ली का उदाहरण
इंफा। ज ब पानी सर से ऊपर निकलने लग जाता है तो दिल्ली की जनता लोक हित के मुद्दों पर एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करने लग जाती है। वर्ष 2011 में मनमोहन सिंह सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण दिल्ली ने गांधीवादी अन्ना हजारे का साथ दिया जो वर्षों तक स्था...
आतंकवाद का नया चेहरा
भले ही अरब जमात के पांच देशों ने कतर से आपसी रिश्ते तोड़ लिए हो पर इससे यह साफ हो गया है कि इस्लामी आतंकवाद की जड़े काफी गहरे तक जम चुकी है। हांलाकि अमेरिका के कतर और कतर से रिश्ता तोड़ने वाले देशों के साथ समान रुप से हित जुड़े हुए हैं यही कारण है कि ट्र...
कृपया खुद के रिस्क पर करें हवाई सफर
नए विमानन नियम, नई सहूलियते, आधुनिक तामझाम, यात्रा में सुगमता की गारंटी और भी कई तमाम हवाई कागजी बातें उस समय धरी की धरी रह जाती हैं जब ΄लेन उड़ने से पहले अपनी अव्यवस्था ब्यां कर देता है। उदाहरण दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सपाट रनवे प...
जीएसटी: देश सबसे बड़े बदलाव की ओर
देशभर में व्यापारियों के एक बड़े वर्ग द्वारा जीएसटी के खिलाफ किये जा रहे हड़ताल व विरोध-प्रदर्शन के बीच सरकार ने 1 जुलाई की पूर्व-निर्धारित तिथि से जीएसटी लागू कर दी है। 'एक देश, एक कर और एक बाजार' के उद्देश्य पर आधारित वस्तु एवं सेवा कर, यानी ‘जीएसटी’...
आयरन लेडी मुनिबा मजारी
समस्याएँ बड़ी नहीं होती इन्सान खुद को छोटा समझने लगते हैं। यह कहना है मुनिबा मजारी का। जन्मस्थान पाकिस्तान। ये पाकिस्तान की आयरन लेडी के नाम से जाने जाती हैं। हमारी जिन्दगी में कई घटनायें होती हैं जिसमें से कोई एक बड़ी घटना हमारी जिन्दगी बदल कर रख देती...
जब भूखे का सहारा बने ईश्वर चंद विद्यासागर
स्वतंत्रता सेनानी ईश्वरचंद्र विद्यासागर का जन्म आज ही के दिन 26 सितंबर, 1820 को मेदिनीपुर में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम ठाकुरदास बंद्योपाध्याय एवं माता का नाम भगवती देवी था। वे एक दार्शनिक, अकादमिक शिक्षक, लेखक, अनुवादक, समाज सुधार...
शहीदों की शहादत से मिली देश को आजादी
देश में 30 जनवरी के अलावा 23 मार्च भी शहीद दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 30 जनवरी को जहां महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पड़ती है, तो वहीं 23 मार्च 1931 को क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को बरतानिया हुकूमत ने सरकार के खिलाफ क्रांति का बिगुल फंूकन...
दुनिया का सबसे बड़ा ठग था नटवर लाल
नटवर लाल एक ऐसा मुहावरा बन गया कि अगर कोई ठगी की कोशिश या मजाक करे तो उसे लोग उसकी तुलना नटवर लाल से करने लगते हैं। नटवर लाल ने वकालत पढ़ रखी थी। लेकिन उसका वकालत में मन नहीं लगा। वो तो कुछ और ही करना चाहता था तो उसने ठगी व चोरी का रास्ता चुन लिया। उस...
बस्तों का बोझ कम होने से लौटेगा बचपन
स्कूली बच्चों पर बस्तों का बोझ कम करने की चर्चा कई वर्षों से होती आई है लेकिन अब केन्द्र सरकार ने पाठ्यक्रम का बोझ कम करने का फैसला किया है, जो एक सराहनीय कदम है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि पहली और दूसरी के छात्रों को...
जागरूक मतदाता ही सशक्त करेंगे लोकतंत्र
मताधिकार का प्रयोग कर हर नागरिक गर्व महसूस करता है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज कराने का सर्वोत्तम तरीका है-मतदान करना। यह हमारा न सिर्फ प्रमुख राजनैतिक अधिकार है, अपितु एक नैतिक कर्तव्य भी है। इस अधिकार का जितना अधिक और वाजिब ...