संतोषी सदा सुखी
एक महात्मा भिक्षा के लिए एक किसान के द्वार पर पहुँचे, तो उन्होंने खिड़की से देखा कि पूरा परिवार चिंताग्रस्त मुद्रा में बैठा है। महात्मा ने उनकी चिंता का कारण पूछा। किसान ने बताया, ‘हमारे यहाँ इस बार फसल थोड़ी कम हुई है, अन्न इतना भर है कि आठ माह के लिए...
स्वतंत्रता को दें नया आयाम
पन्द्रह अगस्त हमारे राष्ट्र का गौरवशाली दिन है, इसी दिन स्वतंत्रता के बुनियादी पत्थर पर नव-निर्माण का सुनहला भविष्य लिखा गया था। इस लिखावट का निहितार्थ था कि हमारा भारत एक ऐसा राष्ट्र होगा, जहां न शोषक होगा, न कोई शोषित, न मालिक होगा, न कोई मजदूर, न ...
गंगा स्वच्छता: पहल ही नहीं, सख्ती भी आवश्यक
सेंट्रल पॉल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा सफाई पर विभिन्न परियोजनाओं के मद में लगभग 20 हजार करोड़ रुपए पानी की तरह बहाए जा चुके हैं। फिर आज क्या हम इस स्थिति में पहुंचे है कि गंगा को स्वच्छ नदी का दर्जा दे सकें? विडंबना यह है कि राष्ट...
राजनीतिक हिंसा लोकतंत्र के लिए घातक
गुजरात में राहुल गांधी अपनी पार्टी की ओर से बाढ़ पीड़ितों का हालचाल जानने पहुंचे तब कुछ लोगों ने उन पर पत्थर फैंके व मोदी-मोदी के नारे लगाए। स्पष्ट है पत्थरबाज लोग दर्शा रहे थे कि वह भाजपा एवं मोदी के प्रशंसक है और राहुल को नहीं चाहते। लेकिन पत्थरबाजी ...
इस बार मनेगा सही मायने में पर्यावरण दिवस
देश की जनता को तालाबंदी (लॉकडाउन) के कारण बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। वहीं तालाबंदी का समय पर्यावरण की दृष्टि से अब तक का सबसे उत्तम समय रहा है। इस दौरान शहरों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी वायु प्रदूषण का स्तर स्वयमेव घटकर न्यूनतम स्...
रक्तदान करें और जीवन रक्षक बनें
देवेंद्रराज सुथार
रक्तदान जिंदगी से जूझ रहे लोगों को नया जीवन प्रदान करता हैं। इसलिए रक्तदान को महानदान व जीवनदान कहा गया है। रक्तदान के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने व रक्त की जरूरत पड़ने पर उसके लिए पैसे देने की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए जैसे उद्देश्यों क...
अगस्त प्रस्ताव के खिलाफ गांधी जी का निजी सत्याग्रह
व्यक्तिगत सत्याग्रह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा सन 1940 में प्रारम्भ किया गया था। लिनलिथगो प्रस्ताव/अगस्त प्रस्ताव से गांधीजी संतुष्ट नहीं होने के कारण कांग्रेस ने अगस्त प्रस्ताव को पूर्णत: अस्वीकार कर दिया तथा गांधी जी के नेतृत्व में व्यक्तिगत ...
वंदे मातरम पर संग्राम
मध्य-प्रदेश के सरकारी दफ्तरों में प्रत्येक माह की पहली तारीख को वंदे मातरम का गाया जाना बंद करना कमलनाथ की सरकार को महंगा पड़ सकता है। बैठे-ठाले भाजपा को एक बड़ा राष्ट्रीय मुद्दा हाथ लग गया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जहां इसे लोकसभा चुना...
केवल चुनाव से ही लोकतंत्र संभव नहीं
समाज में एक अटूट विश्वास है कि एक प्रजातांत्रिक समाज को चुनावों से ही परिभाषित किया जा सकता है। ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के सिद्धांत को प्रजातंत्र का निर्णायक सिद्धांत माना जाता है। यह सिद्धांत इतना सशक्त हो चुका है कि इसने प्रजातंत्र के विचार को केवल वो...
परम पिता जी ने डेरा श्रद्धालु की दिली इच्छा की पूरी
एक बार राजस्थान में सत्संग था। पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज आराम करने वाले घर में पधारे हुए थे। बाहर बैठे सेवादारों के पास करीब 80 वर्षीय बुजुर्ग अपनी 14-15 साल की पोती के साथ दूध लेकर आ गया। पूछने पर पता चला कि उस बुजुर्ग ने पूज्य हजूर बाबा स...