मानवीय लालच पहुंचा रहा है प्रकृति को नुकसान
वर्तमान में विकास के तथाकथित मॉडल ने पूरी दुनिया को वैश्विक ग्राम का रूप प्रदान तो किया है, किन्तु मानवीय मूल्य, संवेदनाएं, सामाजिक सरोकार और प्रकृति एवं पर्यावरण के प्रति हमारा व्यवहार सब कुछ कहीं खो गया है। तथाकथित विकास के परिणामस्वरूप जन्मी अनेक ...
नंबर का खेल, कोई पास कोई फेल!
नंबर का खेल भी अजीब है। हर कोई नंबर बनाने में लगा है। कोई नंबर वन बनना चाहता है और कोई अधिकाधिक नंबर लूटने में ही जीवन की सार्थकता समझ रहा है। जीवन नंबर गेम में तब्दील हो गया है।
नंबर बनाने के लिए कुछ लोगों को कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं, वहीं कुछ लोग...
जातीय संघर्ष का फायदा उठाता आईएस
इस्लामिक देशों के जातीय व क्षेत्रीय मसलों की लड़ाई का आईएस फायदा उठा रहा है। ऐसे कृत्य में अमेरिका की भूमिका अप्रत्यक्षरूप से सामने आ रही है। चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट का ईरानी संसद व अयातुल्लाह खुमैनी के मकबरे पर किए गए हमले के पीछे की वजह ईरान सी...
अपराध का अड्डा बनी जेलें
पंजाब की जेलों के विषय में कहा जाता है कि जो नशा बाहर से नहीं मिलता, वह जेल में से आसानी से मिल जाता है। सुधारगृह के नाम पर जानी जाने वाली जेलों में अपराध की ट्रेनिंग मिल रही है। पंजाब सहित अन्य राज्यों की जेलों में घातक मादक पदार्थ, मोबाइल जब्त होने...
चीन से आगे जाने के और भी रास्ते हैं भारत के पास
पिछले दिनों चीन की राजधानी बीजिंग में 'एक बेल्ट एक रोड' पर सम्मेलन हुआ, जिसमें दुनिया के 60 से अधिक देशों ने शिरकत की, जबकि भारत और भूटान ने दूरी बनाए रखा। यह परियोजना पूर्वी एशिया से शुरू होकर संपूर्ण एशिया और अफ्रीका से गुजरते हुए यूरोप तक जाएगी। य...
भीड़तंत्र की हिंसा से जख्मी होता समाज
उत्तर प्रदेश के आगरा में भाजपा नेता की हत्या के बाद भीड़ ने ही दो हमलावरों में से एक को पीट-पीटकर मार डाला। दिल्ली में खुलेआम दो लड़कों को पेशाब करने से रोकने पर गतदिनों एक ई-रिक्शा चालक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। कुछ दिनों पहले आनंद विहार इलाके में...
फिटनेस का गिर रहा स्तर
हम यह देख-सुन रहे हैं कि औसत आयु बढ़ रही है, स्वास्थ्य और पोषण के बारे में जानकारी भी बढ़ रही है, पर यह भी सच है कि आजकल के बच्चे अपने माता-पिता की तुलना में कम फिट हैं। गत वर्ष दुनिया के 28 देशों के आंकड़ों का अध्ययन कर विशेषज्ञ इस नतीजे पर पहुंचे थे।
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इंसानी मदद की आस में सिसक रहा पर्यावरण
मानव समाज आज हर रोज विकास की नई गाथा लिख रहा है। हम उस अत्याधुनिक दुनिया में जी रहे हैं, जिसकी शायद आज से दो सौ वर्ष पूर्व किसी ने कल्पना भी न की होगी। आज हम पलक झपकते ही लगभग हर मनचाही चीज अपने लिये उपलब्ध करा लेते हैं, लेकिन हमारे इस विकास की कीमत ...
ब्रिटेन में राष्ट्रीय चुनाव में भारत के निहितार्थ
विश्व के सबसे पुराने संसदीय लोकतंत्र ब्रिटेन में 8 जून को लोकतंत्र का महापर्व अर्थात् संसदीय चुनाव हो रहे हैं। जैसे-जैसे 8 जून करीब आया एकतरफा चुनाव कांटे की टक्कर की ओर अग्रसर हो गए। ब्रेक्जिट का फैसला लिए जाने के बाद गुरुवार के चुनावों का यूरोपीय य...
पर्यावरण प्रदूषण: सब हमारा किया धरा है
पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस निकल गया। पर्यावरण पर काफी विचार-विमर्श इस दिन किए जाते हैं। बावजूद इसके सदियों से चला आ रहा ऋतुचक्र गड़बड़ाने लगा है। गरमी का प्रकोप हर वर्ष बढ़ता जा रहा है। ग्लेशियर पिघलने लगे हैं।
ओजोन की परत में छेद हो गया है। विश्व...