2019 चुनाव: मतदाता को मुखर होना होगा
भारतीय लोकतंत्र राजनीति की अनेक विसंगतियों एवं विषमता में एक बड़ी विसंगति यह है कि राजनेताओं की सुविधानुसार अपनी ही परिभाषा गढ़ता रहा है। अपने स्वार्थ हेतु, प्रतिष्ठा हेतु, आंकड़ों की ओट में नेतृत्व झूठा श्रेय लेता रहा और भीड़ आरती उतारती रही। भारतीय लोक...
संपादकीय : पर्यावरण संकट अमीर मुल्कों की देन
खेती से जुड़ी हर गतिविधि को भारत में उत्सव के रूप में मनाने की परंपरा है। ऋतुओं के अनुसार खेती की वैज्ञानिक परंपरा भी है। अन्न से काबोर्हाइड्रेट, दालों से प्रोटीन, फल-सब्जियों से विटामिन सभी भारत की भोजन की थाली में मिलता है। और यह सब मेहनतकश किसानों ...
बदलाव की मांग कर रहा कृषि संकट
आज देश में अनाज का भंडार इतना बढ़ गया कि संभल ही नहीं रहा है। कैग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 2011 से 2016 तक 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का अनाज बर्बाद हो गया। हर साल लगभग 100 करोड़ से ज्यादा का अनाज खराब हुआ। अनाज की बहुतायत उपलब्धि बनने की बजाए समस्या बन...
ताकत का अहंकार छोड़ मानवता के लिए एकजुट हों विश्व शक्तियां
दक्षिणी चीन सागर में सैन्य अभियान करके चीन ने एक बार फिर वियतनाम, भारत, अमेरिका सहित कई देशों को चुनौती दी है। समुन्द्र में पहली बार बमबारी करके चीन अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहा है। इस बात में कोई दो राय नहीं कि यह घटना विश्व में युद्ध के बीज बोने के...
प्राकृति पशु एवं मनुष्यता
प्राकृति मनुष्य व हर जीव प्राणी को जीवन जीने की परिस्थितियां उपलब्ध करवाती है। किसी जीव से उसका जीवन छीन लेने का मनुष्य को कोई अधिकार नहीं है। पशु एवं पंक्षी भी इस प्रकृति की सुंदरता हैं। फिर जो पशु पक्षी मनुष्य के लिए वरदान जैसे हों, उनकी हत्या करना...
हर देशवासी तक जाए यह जीत
भारत की जूनियर हॉकी टीम ने ठीक पन्द्रह वर्ष बाद एक बार फिर भारत को हॉकी का शिरोमणि बना दिया है। इन किशोरों ने साबित कर दिया है कि भारत के राष्ट्रीय खेल के दिन अभी भी बहुत अच्छे हैं लेकिन हॉकी के बाहर, राजनीतिक स्तर पर, प्रशासनिक स्तर पर भारतीय हॉकी क...
कैसे सार्थक होगा जय विज्ञान-जय अनुसंधान का नारा
पंजाब के जालंधर में आयोजित 106वीं राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस सम्मलेन के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान की महत्ता को स्वीकार करते हुए जय विज्ञान और जय अनुसंधान का नारा दिया है। उन्होंने कहा कि आज के समय में हम विज्ञान और प्रौद...
जैव विविधता संरक्षण की जरूरत
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन ने पेरिस में 'ग्लोबल असेसमेंट स्टडी' को जारी करते हुए कहा कि प्रजातियों और पारिस्थितिकी तंत्र में विविधिता का संरक्षण करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करना। ...
विकास का कुल्हाड़ा और बलि के बकरे ‘पेड़’
विकास के नाम पर या उसकी आड़ में पहली गाज पेड़ों पर गिरती है। ये कोई नयी बात नहीं है। आजादी के बाद से ही देश में विकास का पहला शिकार पेड़ ही बनें। लेकिन ताज्जुब इस बात का है कि आजादी के सात दशक बाद भी हम पर्यावरण अनुकूल विकास माडल विकसित नहीं कर पाये हैं...
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में भारत
सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी (अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन) और दस अस्थाई (कुल 15) सदस्य होते हैं। अस्थायी सदस्यों का निर्वाचन महासभा द्वारा दो वर्ष की अवधि के लिये किया जाता है। 1966 से पहले सुरक्षा परिषद के सदस्यों की संख्या 11( 5 स्थायी ...