भारत में परिवार कल्याण कार्यक्रमों का बंटाधार
हमारे देश में 1960 के दशक के शुरू में एक आधिकारिक परिवार नियोजन कार्यक्रम लागू किया था। विश्व में ऐसा करने वाला भारत पहला देश था। मगर सरकार के लाख प्रयासों और देश के बजट का एक बड़ा भाग खर्च करने के बावजूद इस क्षेत्र में वांछित परिणाम हासिल नहीं किये ज...
चीनी ‘जल हथियार’ की चुनौती एवं समाधान
वर्तमान वैश्विक परिप्रेक्ष्य में पानी एक महत्वपूर्ण संसाधन हो गया है और यह संघर्ष का कारण बन सकता है। चीन ने जलसंसाधनों को भी आक्रामक विस्तारवाद का न केवल हिस्सा बना दिया है, अपितु जल संसाधनों को भी हथियार के रुप में प्रयोग करने की तैयारी की है। इस त...
राजनीति की बजाए संयम की आवश्यकता
इराक में अगवा 39 भारतियों की वापिसी का मामला राजनीतिक रंगत पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस ने संसद में इस मुद्दे पर विदेश मंत्री के विरुद्ध मर्यादा प्रस्ताव लाने की तैयारी कर ली है। आम आदमी पार्टी ने भी सरकार के खिलाफ कमर कस ली है।
नि:संदेह अगवा भारतीयों ...
समस्या का हल नहीं है आंदोलन या आत्महत्या
अन्नदाता के खेती से होते मोहभंग और देश में चल रहे किसान आंदोलनों के परिपे्रक्ष्य में एक बात साफ हो जानी चाहिए कि आंदोलन, आत्महत्या या केवल कर्जमाफी से अन्नदाता की समस्या का हल नहीं होने वाला है। इसमें कोई दो राय नहीं कि आज किसान ऐसे दोराहे पर खड़ा है,...
अमेरिकी प्रतिबंध के बाद बदलेगा पाकिस्तान
अमेरिकी सरकार पाकिस्तान को दुनिया भर में दहशतगर्दी और आतंक फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। पाकिस्तान को आतंक की फसल उगाने वाले देशों की सूची में डाल दिया गया है। अमेरिका की इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब हुआ है। अब यह साब...
रेलवे में गंदगी का आलम
रेलवे का खाना नहीं रहा मनुष्य के खाने लायक
एक तरह जहां राज्य सरकारें ‘सांझी रसोई’ में10 रूपए में सस्ता खाना मुहैया करवा रही हैं वहीं दूसरी तरफ रेलवे विभाग खराब खाने के मामले में चर्चित हो गया है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रेलवे का खाना मनुष...
यादगार राष्ट्रपति हैं प्रणब मुखर्जी
आगामी 25 जुलाई को देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पद की शपथ लेंगे। इससे पहले 24 जुलाई को देश के वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का राष्ट्रपति भवन में अंतिम दिन होगा। लेकिन, बतौर राष्ट्रपति उनका कार्यकाल याद किए जाने लायक है। उनकी सक्रियत...
फारुख आसमान की तरफ मुंह कर न थूकें
नेताओं के लिए शायद सत्ता ही सब कुछ है, राष्ट्र एवं राष्ट्रवासी उनके लिए महज सत्ता पाने व भोगने के साधन मात्र हैं। तभी तो फारूख अब्बदुला जैसे नेता कभी पत्थरबाज युवाओं को आजादी के लड़ाके बोलते हैं कभी कश्मीर के हल में तीसरे पक्ष की बात करते हैं। जम्मू क...
पाक को ‘आतंक पोषित’ संज्ञा मिलना, भारत की बड़ी जीत
भारत लंबे समय से पाक परस्त आतंकवाद से पीड़ित रहा है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर वैश्विक मंच से आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरते रहे हैं। भारत संयुक्त राष्ट्र समेत अन्य वैश्विक मंचों पर इस बात पर विशेष जोर देता रहा है कि पाक जैस...
कोविंद जी! अब देश आश्वस्त होना चाहता है
रामनाथ कोविन्द देश के 14वें नए राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। वह एक दलित के बेटे हैं, जो सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने की दूसरी घटना है, जिससे भारत के लोकतंत्र को नयी ताकत मिलेगी। दुनिया के साथ-साथ भारत भी तेजी से बदल रहा है।
सर्वव्यापी उथल-पुथल में ...