कांग्रेस: विनाश काले विपरीत बुद्धि
अच्छे को बुरा साबित करना, दुनिया की पुरानी आदत है। वर्तमान राजनीतिक वातावरण को देखते हुए यह आसानी से कहा जा सकता है कि आज यह गाना कांगे्रस के लिए सटीक लग रहा है। कांग्रेस के नेता संदीप दीक्षित ने सेना प्रमुख के बारे में जिस प्रकार की टिप्पणी की है, ...
स्कूलों को जला देने से पढ़ने की सोच नहीं जल जाती
कश्मीर में आतंक व पथराव रोजमर्रा की बात है। इससे भारतीय सुरक्षा बल अपने तरीके से निपट भी रहे हैं। लेकिन सबसे दु:खद बात है कश्मीर में स्कूलों का जलाया जाना। बुरहान वानी को मरे हुए अब पांच महीने को चुके हैं, तब से कश्मीर में स्कूलों को जलाया जा रहा है,...
विनाश को संकेत देते महासागर
प्रकृति के साथ खिलवाड़ के चलते वह दिन दूर नहीं जब महासागर विनाश का कारण बनने लगेंगे। ऐसे में महासागरों को बचाने के लिए दुनिया के 193 देशों द्वारा एक साथ आने का संकल्प निश्चित रुप से सुखद समाचार है।
महासागर जिसकी पहचान ही धीर-गंभीर मानी जाती रही है, भ...
हिन्दी की उपेक्षा को चुनावी मुद्दा बनाये
श के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे चर्चित होने वाला आसन्न आम चुनाव क्या मुद्दाविहीनता, फूहड़ता, भाषाई अशिष्टता, निजी अपमान के लिये ही याद किया जायेगा? सवाल है कि क्या हमारी राजनीतिक बिरादरी राष्ट्रीयता एवं राष्ट्रीय प्रतीकों से जुड़े किसी मुद्दे पर कोई स...
झील का चांद
तुम्हारा मन इस झील की तरह है। तम्हारे पास ज्ञान तो है लेकिन तुम उसका प्रयोग करने के बजाय सिर्फ उसे अपने मन में लेकर बैठे हो, ठीक उसी तरह जैसे झील असली चांद का प्रतिबिंब लेकर बैठी है।
विवेकहीनता के कारण नशे में डूब रहा है युवा
युवा अवस्था सपनों को उड़ान देने की होती है। युवा मंजिल तलाश को लेकर कितनी सुनहरी यादें संजोता है, लेकिन इसे विडम्बना कहिये या विवेकहीनता आज का युवा किसी न किसी नशे में अपने आपको घेर कर अपनी युवा अवस्था के हसीन सपनो को घरौंदे की तरह दिन-प्रतिदिन तोड़ता ...
सहजता से स्वीकारें हर बदलाव को
जड़ता, जीवन्तता को खा जाती है और जो इसके सम्पर्क में आता है, जो अंगीकार करता है उसका खात्मा कर दिया करती है। इसलिए जीवन का हर क्षण और प्रत्येक व्यवहार जीवन्त होना चाहिए, तभी यह शाश्वत आनंद और चरम सुख प्रदान कर सकता है। परिवर्तन को सहज भाव से सहर्ष स्व...
बाढ़ की रोकथाम के लिए सरकार करे काम
तीन बड़े राज्यों महाराष्ट, कर्नाटक, गुजरात व केरल में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ ने तबाई मचा दी है। इस त्रासदी में प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौतें हो चुकी है। गनिमत यह है कि एनडीआरएफ व सेना के जवानों ने हजारों लोगों को सुर...
व्यक्ति प्रकृति से उतना ही ले जितना लौटाया जा सके
समुद्री वनस्पति और जीव-जंतुओं का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है
ऐसा ही बुरा असर वनों की कटाई, असंख्य औद्योगिक मकानों के निर्माण से धरती
और पर्यावरण बुरी तरह प्रभावित हो गया है
जय जवान, किसान परेशान
दिवंगत प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्रीय ने ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा देकर दोनों को देश के स्तंभ कहा था। उनका संदेश स्पष्ट था कि किसान देश का पेट भरता है और सैनिक दुश्मनों को सीमा की तरफ झांकने नहीं देता। सियाचीन में बर्फ की पहाड़ियों पर खड़े होकर ड्य...