बच्चों का विकास, हमारा दायित्व
दुनिया की तमाम प्रकार की रचनात्मक गतिविधियों की ऐतिहासिक, यादगार और आशातीत सफलता के पीछे जितनी बच्चों की भागीदारी है उसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती। ये बच्चे न होते तो हमारे कोई से आयोजन सफल नहीं हो पाते। साल भर में जाने कितने दिवस, पखवाड़े, सप्ता...
दिल्ली की हवा पर एनजीटी की तलवार
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण की जानलेवा भयानकता को देखते हुए एक बार फिर सम-विशम कारें सड़कों पर उतारने का फैसला लिया है। इसके मुताबिक सम और विशम नंबर वाले निजी वाहन एक-एक दिन के अंतराल से पांच दिन चलाए जाएंगे, लेकिन इस घोषणा के होते ही राश्ट्रीय हरित ...
एक चौथाई मतदाता मतदान से दूर…आखिर क्यों ?
चुनाव आयोग की इसे बड़ी सफलता माना जाएगा कि हिमाचल में शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो गए। ईवीएम से मतदान के दौरान वीवीपैट यानी कि वोटर वैरिफाइड पेपर आॅडिट ट्रायल मशीन के प्रयोग से अब चुनाव नतीजे आने के बाद हारने वाली पार्टियां ज्यादा शोरगुल भी नहीं कर पाएं...
दिल्ली में वायु प्रदूषण व कृषि का संकट
आखिर हमारे देश का हाल भी चीन जैसा होता जा रहा है। प्रदूषण की मार इस हद तक बढ़ गई है कि दिल्ली के स्कूलों में छुट्टी का ऐलान करना पड़ा है। हरियाणा व पंजाब में भी जहां सांस लेने में दिक्कत हो रही है वहीं धुंध के धुंए से हादसे भी हो रहे हैं। यदि यह सिलसिल...
गौरक्षा को बनाया जाए सामाजिक मुद्दा
गौवंश से होने वाले हादसों का मामला सच में ही गम्भीर है और इस पर विचार होना जरूरी भी है। जहां सड़कों पर घूमता बेपनाह गौवंश परेशानी का सबब है वहीं गौशालाओं में भी बीमारी की मार झेल रहा है। ऐसी हालत में आखिर पशु क्या करें।गौवंश को अवारा कह कर पुकारने वाल...
नोटबंदी की सालगिरह : ऐतिहासिक या काला दिन
8 नवम्बर 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई अकस्मात नोटबंदी ने देश की जनता को ही नहीं बल्कि तंत्र, राजनीति और अर्थव्यवस्था को भी हिला कर रख दिया था। 500 और 1000 रूपए के नोट बंद कर 500 व 2000 के नए नोटों को बाजार में उतारा गया। आज एक वर्ष...
कट्टरता नहीं, सद्भावना की जरूरत
‘वंदे मातरम्’ महान गीत है, जो देश को प्यार करने वाले लोगों के दिल में सहज ही उठता है लेकिन इस गीत को लेकर जो टकराव के हालात बन रहे हैं वह बेहद चिंताजनक है। इस मामले में पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी की टिप्पणी बेहद स्टीक है। उन्होंने इस्लाम के नाम पर ‘व...
बाल श्रमिक : समस्याएं एवं कानून
बाल श्रमिक समस्या भारत की नहीं विश्वभर की समस्या है। एक अनुमान के अनुसार विश्व में संभवत: 20 करोड़ बाल श्रमिक है। नेशनल सेंपल सर्वे के अनुसार भारत में 2 करोड़ बाल श्रमिक हैं जिसमें से 83 प्रतिशत कृषि क्षेत्र में हैं। 40 लाख श्रमिक जोखिम भरे उद्योगों मे...
बच्चों के अधिकार किसी दल की प्राथमिकता क्यों नहीं?
भारत में गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण, बाल मजदूरी और अंधविश्वास बचपन के बैरी तो हैं ही साथ में कुबेर तंत्र बनती राजनीति भी बचपन के दुश्मन ही बन गए हैं, क्योंकि सरकारी नीतियां बचपन को बचाने और सही दिशा देने में नाकाफी साबित हो रहीं हैं। सड़कों पर घूमते बच्चे...
अध्यापकों का शोषण बंद करने का फैसला
पटना हाईकोर्ट ने एतिहासिक निर्णय देते हुए स्थायी-अस्थायी सभी अध्यापकों को बराबर वेतन देने के आदेश दिए हैं। अदालत का यह निर्णय संविधान में अंकित समानता के अधिकार की भी रक्षा करता है जिसके अंतर्गत कानून में प्रत्येक नागरिक को बराबर अधिकार दिया है। योग्...