अफवाहों व सोशल मीडिया का दुरुपयोग बन रहे तनाव का कारण
अनपढ़ता और अफवाहें जब मिल जाएं तो यह उथल-पुथल मचा देती हैं। सोशल मीडिया ने अफवाहों को पंख लगा दिए हैं। असम में दो युवाओं को बच्चे उठाने वाले समझकर गांववासियों ने पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया। पिछले कई दिनों से असम में बच्चों को उठाने संबंधी अफवाहें...
बच्चों का सबसे बड़ा दुश्मन बाल श्रम
बाल मजदूरी के प्रति विरोध एवं जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने समाज में जागरूकता पैदा करने के लिए 2002 में विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत की। बाल श्...
स्ांशय में वार्ता
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन के बीच सिंगापुर में होने वाली शिखर वार्ता पर पुरी दुनिया टकटकी लगाए हुए है। कोरिया प्रायद्वीप के अमन व विश्व शांति के लिहाज सेदोनों नेताओं के बीच होने वाली यह वार्ता काफी अहम मानी जा...
और कितना नीचे गिरोगे ?
डॉ. दीपक आचार्य
हर दिशा में लोगों की भीड़ बेतहाशा भाग रही है। सभी को अपने नम्बर बढ़ाने की पड़ी है। जो नम्बरी हैं उन्हें भी, और जो गैर नम्बरी हैं उन्हें भी। प्रतिभाओं और हुनर से बेखबर या कि हर दृष्टि से खाली डिब्बे माने जाने वाले लोगों की सबसे बड़ी समस्य...
कुपोषण बनाम जिन्दगी की जंग
रमेश सर्राफ धमोरा
भारत की बढ़ती जनसंख्या में काफी बच्चे कुपोषण के कारण मर जाते हैं। यहां कुपोषण एक तरह से जीवन का हिस्सा बन गया है। इस क्षेत्र के बच्चे या अन्य क्षेत्रों के कुपोषित बच्चे अगर बच भी जाते हैं तो उपयुक्त पोषण न मिल पाने के कारण उनके शरीर...
विज्ञान लाभदायक यदि इसे माना भी जाए
पिछले एक महीने से देश के अलग-अलग राज्यों में आंधी तूफान से भारी नुकसान हुआ। इस दौरान 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। मौसम विभाग की तरफ से अलर्ट जारी करने के बाद जहां नुकसान कम हुआ है वहीं प्रशासन समय अनुसार लोगों को सूचित करने व जरूरी प्रबंध करने ...
सिर्फ अपने नहीं बल्कि देश के लिए भी जीएं
हरि शंकर आचार्य
बीकानेर के लक्ष्मण मोदी के प्रतिदिन डेढ़ से दो घंटे झुग्गी-झोंपड़ियों में बीतते हैं। इस दौरान वे बच्चों को पढ़ाते हैं। उन्हें व्यक्तित्व निर्माण के गुर सिखाते हैं। मोदी सप्ताह में एक बार इन बच्चों को अपने घर ले जाते हैं। उन्हें टीवी दिख...
समय का मोल पहचानें, शक्ति क्षरण से बचें
डॉ. दीपक आचार्य
व्यक्ति की अपनी पूरी जिन्दगी में 50 फीसदी से ज्यादा वह समय होता है जिसको वह फालतू के कामों और बेकार की सोच में गंवा देता है। जो व्यक्ति जीने का अर्थ समझते हैं वे हर क्षण को कीमती मानकर उसका पूरा उपयोग करने की कला में पारंगत हो जाते ह...
आंकड़ों से नहीं वास्तव में हल हो कृषि संकट
यदि यह कहा जाए कि कृषि उत्पादन बढ़िया है तब भी इसे कृषि संकट का हल नहीं कहा जा सकता। यह ठीक ऐसे है जैसे सरकार कहती है कि लोगों ने कारें अधिक खरीदी हैं तो गरीबी कम हुई है। केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कृषि के बारे में भी ऐसा ही बयान दिया है।...
खिलाड़ियों की आय से हिस्सा मांगा जाना नहीं उचित
हरियाणा सरकार ने पेशेवर खिलाड़ियों से उनको हुई विज्ञापन व निजी कार्यक्रमों की आय से एक तिहाई हिस्सा मांगा है, हालांकि खिलाड़ियों व मीडिया से इस पर तीखी प्रतिक्रिया आने से फिलहाल अधिसूचना को रोक लिया गया है। परंतु यहां सरकार की नीति पर कई सवाल उठ खड़े हु...