लोकतंत्र में बस कल्चर
भ्रष्टाचार व अपराधों के कारण बदनाम हो चुकी राजनीति का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। लोकतंत्र विश्व की सबसे लोकप्रिय राजनीतिक प्रणाली थी, लेकिन पूंजीवादी संस्कृति ने लोकतंत्र के आदर्शों व मूल्यों को बिल्कुल नीचा दिखा दिया है। ताजा प्रकरण झारखंड का है, ...
विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस : ब्रेन ट्यूमर के लिए शीघ्र निदान और बेहतरीन उपचार : डॉ. आदित्य गुप्ता
बड़ौत। भारत में ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor) के 28,000 से अधिक मामले हर साल सामने आते हैं और सालाना 24,000 से अधिक लोगों की ब्रेन ट्यूमर के कारण मौत हो जाती है। हर साल 40,000 से 50,000 लोगों में ब्रेन ट्यूमर का पता चलता है जिनमें से 20% बच्चे होते हैं। ...
सत्ता के लिए विचारधारा बदलने में अब देर नहीं लगती
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। कौन किस पार्टी में है, कुछ कहा नहीं जा सकता। हर रोज नेता पार्टी बदल रहे हैं। आज किसी दल में हैं कल किसी और दल में। दलबदल का यह खेल राजनीति की दलदल बन चुका है। पांच साल सरकार में शानोशौकत से मंत्री पद पर रहकर...
दल बदल राजनीतिक सिद्धांतों एवं मूल्यों का मजाक
सत्ता का मोह, सत्ता भोगने का लालच, जितने वाले दलों के प्रति आकर्षण, मंत्री पद मिलने के लुभावने वादे- ऐसे कारण हैं जो दलबदल के बाजार को गर्म करते हैं। चुनाव में जिस राजनीतिक दल का पलड़ा भारी दिखता है, उसमें घुसने की होड़ कुछ अधिक देखी जाती है। इनदिनों उ...
‘इन्फ्लूएंजा’ को गंभीरता से लेने की जरूरत
कोविड वायरस की तरह ही है इन्फ्लूएंजा का विषाणु इन दिनों देश में अपना खतरनाक प्रभाव दिखाने लगा है, जिससे दो लोगों की एक हरियाणा एवं एक कर्नाटक में मौत हुई है। इस नए वायरस से खांसी, बुखार, गले में जलन की तकलीफें बढ़ रही है। इन दिनों गला खराब होने की शिक...
चीन-ताइवान तनाव भारत को दे रहा मौके
चीन-ताइवान तनाव और अमेरिकी विरोध की चीनी रणनीति के कारण चीन पर वैश्विक निर्भरता में कमी के बीच भारत के लिए वैश्विक आपूर्ति में नये मौकों का परिदृश्य उभरता दिख रहा है। कई देश आपूर्ति श्रृंखलाओं को चीन से दूर करने का प्रयास कर रहे हैं और भारत से संबंध ...
प्यारे सतगुरू जी ने जीव के विश्वास को किया दृढ़, बख्शी रहमतें
सन् 1973 की बात है। हमारा सारा परिवार नाम लेने के लिए मासिक सत्संग पर आश्रम में पहुंचा तथा नाम-दान लिया। जब हम घर वापिस पहुुंचे तो देखकर घबरा गए क्योंकि घर के सभी ताले टूटे हुए थे। हमनें सोचा कि शायद चोरों ने अपना काम कर दिया है परंतु जब अंदर जाकर दे...
आक्रोश शांत कर लंका वासी देश को पटरी पर लाएं
पिछले कुछ दिनों में श्रीलंका में घटनाक्रम तेजी से बदला है, पर इसे अप्रत्याशित नहीं कहा जा सकता है। बेहद गंभीर आर्थिक संकट के कारण वहां समाज और राजनीति में कई महीने से अस्थिरता व्याप्त है और लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि यह अनिश्च...
इस बार की तैयारियां कागजी न हों
आशंका के अनुरूप कोरोना महामारी का प्रकोप फिर तेज हो गया है, लेकिन लापरवाही के जो नमूने पेश हो रहे हैं, उनकी कड़े शब्दों में निंदा होनी चाहिए। ताजा लापरवाही तो निंदनीय ही नहीं, अक्षम्य भी है। इटली से अमृतसर पहुंची एक फ्लाइट में कोरोना का विस्फोट सामने ...
रूहानी यादें: 12 मार्च 1993 को पिपली में सत्संग सुनने को उमड़ पड़ा था हुजूम
सेवादार बोले, यूं लगता है जैसे 29 साल नहीं सिर्फ 29 दिन पहले की ही बात हो
पिपली की नई अनाज मंडी को सत्संग के लिए सजाया गया था दुल्हन के जैसा
पहुंची थी लाखों की तादाद में साध संगत, 5369 ने ली थी नाम की अनमोल दात
कुरुक्षेत्र(सच कहूँ, देवीलाल...