मोबाईल इंटरनेट से फैलता ठग्गी का जाल रुकना चाहिए
आरबीआई ने ई-मेल व इंटरनेट से ही रही ठग्गी से देशवासियों को सावधान किया है। बतौर बैंक कुछ जालसाज आरबीआई के अधिकारी बनकर, आरबीआई जैसी ही लैटर पैड व पोर्टल से लोगों को ठग्ग रहे हैं। इसके अलावा एक-दूसरे तरही की साईबर ठग्गी हो रही है, जिसका एक नमूना यहां ...
आओ एक नई दुनिया बसाएं
आज का मनुष्य भूलभूलैया में फंसा हुआ है। यदि देखा जाये तो संसार का विस्तार यानी सुविधावादी और भौतिकवादी जीवनशैली एक प्रकार की भूलभूलैया ही है। भोग के रास्ते चारों ओर खुले हुए हैं। धन, सत्ता, यश और भोग - इन सबका जाल बिछा है और यह जान इतना मजबूत है कि ए...
केजरीवाल सरकार की अग्निपरीक्षा का दौर शुरू
दिल्ली में निर्वाचित सरकार और उपराज्यपाल के बीच लंबे समय से चली आ रही अधिकारों की जंग को लेकर गत 4 जुलाई को आए देश की सर्वोच्च अदालत की पांच सदस्यीय संविधान पीठ के फैसले की हालांकि हर राजनीतिक दल अपने-अपने नफा-नुकसान के हिसाब से व्याख्या कर रहा है, क...
मौसम का कसूर नहीं सब मानवीय भूलें
इस बार मानसून अच्छा है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार इस साल अनुमान से अधिक बरसात हो सकती है। जिसकी शुरुआत हो भी चुकी है। उत्तर भारत व दक्षिण में लगभग सभी राज्य बरसात से भीग रहे हैं। किसानों के लिए यह वरदान है। लेकिन भारत की बढ़ती शहरी आबादी व प्राकृतिक ...
राष्ट्रीय आम सहमति की आवश्यकता
केन्द्र सरकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ती जटिलताओं का निराकरण करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के स्थान पर एक नया नियामक निकाय बनाने की तैयारी कर रही है। यह एक बड़ा कदम है किंतु उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आ रहे बदलावों का सामना करने के लिए आव...
विदेशी राजनीतिक चंदे की वैधता की होगी जांच
राजनीतिक दलों को मिलने वाला विदेशी चंदा एक बार फिर कठघरे में है। सर्वोच्च न्यायालय ने इस चंदे की वैधता को जांचने के आदेश दिए हैं। दरअसल नरेंद्र मोदी सरकार ने विदेशी चंदा लेने के नियमों में जो बदलाव किए हैं, उन्हें जांच के दायरे में लेते हुए सरकार से ...
नशों से त्रस्त पंजाब व टूट रहा सब्र
पंजाब में नशों से बढ़ रही युवाओं की मौत से आमजन बहुत अधिक गुस्सा है। यूं तो पंजाबी नशों के चलते पिछले करीब 10-12 वर्षाें से ही त्रस्त हैं लेकिन जब से कैप्टन अमरिन्द्र ने अपने हाथ में गुरबाणी का पावन गुटका साहिब लेकर कसम खाई व पंजाबियों को भरोसा दिलाया...
महिला सुरक्षा पर चुप्पी खतरनाक
अमेरिका के गांधी के रूप में जाने जाने वाले डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग कहा करते थे कि हमारे जीवन का अंत उस दिन शुरू हो जाता है जिस दिन हम उन मुद्दों के बारे में चुप हो जाते हैं जो आम समाज के लिए मायने रखता है। अगर हम डॉक्टर साहब के इस कथन पर विचार करें ...
राजनीति के लिये सतत क्रांति की जरूरत
मतदाता सोच रहा है कि मेरे मत से ही होगा निर्णय /Election Enthusiast
जैसे-जैसे 2019 में होने वाले आम चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे-वैसे राजनीतिक सरगर्मियां तेज होती जा रही है। (Election Enthusiast) संभवत: आजादी के बाद यह पहला आम चुनाव होगा, जिसके ...
प्रकृति की चेतावनियों को कब तक अनदेखा करेंगे हम?
देश के एक दर्जन से अधिक राज्यों में पिछले कुछ दिनों के भीतर कुदरत ने अपना जो कहर बरपाया है, वह कुदरत के साथ बड़े पैमाने पर हो रही मानवीय छेड़छाड़ का ही दुष्परिणाम है। कुदरत के कहर से हो रही भारी तबाही का आलम यह है कि प्रचण्ड धूल भरी आंधियों, बेमौसम बर्फ...